भिवानी। श्राद्ध अमावस्या पर जिले में श्रद्धालुओं द्वारा गायों को अत्यधिक मात्रा में रोटी, खीर, पूरी और हलवा खिलाए जाने से गंभीर हालात बन गए। सोमवार देर रात तक भिवानी और बवानीखेड़ा क्षेत्र से कुल 48 गायें बीमार पाई गईं, जिनमें से मंगलवार सुबह तक 17 गायों की मौत हो गई। भिवानी क्षेत्र से 36 और बवानीखेड़ा से 12 गायें इलाज के लिए लाई गई थीं।
अत्यधिक मात्रा में भोजन से बिगड़ा स्वास्थ्य
गोरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी लोगों को जागरूक किया गया था कि अत्यधिक खीर-पूरी देने से गायों की जान जोखिम में पड़ सकती है। जिले भर में 500 गोरक्षकों और छह एंबुलेंस की मदद से अभियान चलाया गया। अस्थायी बाड़े बनाकर कई गायों को सुरक्षित रखा गया, लेकिन कुछ को अधिक मात्रा में भोजन देने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
पशुपालन विभाग की टीम ने बचाई 31 गायों की जान
उपनिदेशक पशुपालन विभाग डॉ. रविंद्र सहरावत के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों की टीम लगातार तीन दिन 24 घंटे सक्रिय रही। उनके प्रयासों से बीमार 48 गायों में से 31 की जान बचाई जा सकी।
डॉ. सहरावत ने लोगों से अपील की है कि गो-भोजन केवल गोशालाओं में ही दें ताकि गायों को संतुलित मात्रा में भोजन मिले। संजय परमार ने प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसे आयोजनों पर विशेष निगरानी रखी जाए ताकि श्रद्धालुओं के उत्साह के बावजूद निर्दोष पशु अपनी जान न गंवाएं।