जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान को उसके भड़काऊ और आधारहीन बयानों पर कड़ा जवाब दिया। भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर आरोप लगाने के बजाय अपनी ढहती अर्थव्यवस्था, सेना के दबाव में जकड़ी राजनीति और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघनों पर ध्यान देना चाहिए।
त्यागी ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में हाल ही में हुए सैन्य हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब अपनी ही जनता पर बम बरसाने से फुर्सत मिलेगी, तभी पाकिस्तान को अपनी “वेंटिलेटर पर पड़ी अर्थव्यवस्था” को बचाने का मौका मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह मंच भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक मानवाधिकारों की रक्षा के लिए है।
भारत का दो टूक संदेश
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान लगातार परिषद का दुरुपयोग कर भारत को निशाना बना रहा है। उन्होंने चेताया कि पाकिस्तान को सबसे पहले भारत के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करना चाहिए और अपनी नीतियों में सुधार लाना चाहिए।
स्थानीय रिपोर्टों के हवाले से भारत ने परिषद को जानकारी दी कि सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई में 30 से अधिक नागरिक मारे गए।
निष्पक्षता पर जोर
त्यागी ने परिषद से अपील की कि वह सभी सदस्य देशों के प्रति समान और निष्पक्ष रवैया अपनाए। उन्होंने कहा कि किसी विशेष देश के लिए अलग मानदंड तय करना परिषद के मूल उद्देश्य को कमजोर करता है और इसे पक्षपाती संस्था के रूप में प्रस्तुत करता है।