केंद्रीय कैबिनेट का बड़ा फैसला: रेलवे बोनस और बिहार की परियोजनाओं को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रेलवे कर्मचारियों के लिए 1,866 करोड़ रुपये का उत्पादकता-आधारित बोनस (पीएलबी) मंजूर कर दिया है। इस फैसले से देश के लगभग 10.90 लाख रेल कर्मचारी लाभान्वित होंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह बोनस कर्मचारियों के 78 दिनों के वेतन के बराबर है। सालाना इस पीएलबी का भुगतान आमतौर पर दुर्गा पूजा और दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है।

इस बोनस का लाभ ट्रैक मेंटेनर, लोकोमोटिव पायलट, ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, तकनीशियन, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारियों और अन्य ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों सहित कई श्रेणियों के कर्मचारियों को मिलेगा। एक पात्र कर्मचारी को 78 दिनों के लिए अधिकतम 17,951 रुपये का भुगतान किया जाएगा। मंत्री वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन शानदार रहा, रेलवे ने 1,614.90 मिलियन टन माल ढोया और लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को सेवाएं दीं।

बिहार और झारखंड में नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी

केंद्र ने बिहार के बख्तियारपुर-राजगीर और झारखंड के तिलैया के बीच 104 किलोमीटर की डबल लाइन रेल परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 2,192 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, बिहार के लिए कुल लगभग 6,000 करोड़ रुपये की योजनाओं को भी हरी झंडी मिली है।

जाहाज निर्माण क्षेत्र को 69,725 करोड़ का पैकेज

मंत्रिमंडल ने भारत के जहाज निर्माण और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के व्यापक पैकेज को भी मंजूरी दी है। इस पैकेज के तहत घरेलू क्षमता बढ़ाने, तकनीकी कौशल सुधारने, ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड शिपयार्ड विकास को बढ़ावा देने और मजबूत समुद्री बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कई नीतिगत, कानूनी और कर सुधार लागू किए जाएंगे।

इस योजना में जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना (एसबीएफएएस) को 24,736 करोड़ रुपये की राशि के साथ 31 मार्च 2036 तक बढ़ाया गया है। इसके अतिरिक्त, 4,001 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ शिपब्रेकिंग क्रेडिट नोट और 25,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ समुद्री विकास कोष (एमडीएफ) को मंजूरी दी गई है। योजना का कुल बजटीय परिव्यय 19,989 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह कदम भारत में जहाज निर्माण को प्रोत्साहित करने और देश की समुद्री अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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