पटना में बुधवार को आयोजित अति पिछड़ा न्याय संकल्प संगोष्ठी में कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है, तो आरक्षण की वर्तमान 50 प्रतिशत सीमा को हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही गठबंधन अति पिछड़ा वर्ग के लिए निजी संस्थानों और 25 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी ठेकों में आरक्षण सुनिश्चित करेगा।
संगोष्ठी में दस सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए गए, जिन्हें बिहार में सत्ता में आने पर लागू किया जाएगा। राहुल गांधी ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग के हितों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया और उन्हें केवल वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी ने बीजेपी पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल स्पष्ट करता है कि दलितों और पिछड़े वर्ग के लिए बुलडोज़र का उपयोग किया जाता है, जबकि बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जाता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी असली जनादेश के जरिए सरकार नहीं बना सकती और गरीबों के अधिकार छीनकर देश की संपत्ति को कुछ अरबपतियों में वितरित करती है।
अति पिछड़ा न्याय संकल्प के प्रमुख बिंदु:
- ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा।
- पंचायत और नगर निकायों में आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
- आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% सीमा बढ़ाने के लिए विधान मंडल द्वारा पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।
- नियुक्तियों में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।
- आरक्षण सूची में अल्प या अति समावेशन से संबंधित मामलों के लिए विशेष कमेटी बनाई जाएगी।
- अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के भूमिहीनों को ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल और शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
- निजी स्कूलों में आरक्षण के तहत सीटों का आधा हिस्सा अति पिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों के लिए आरक्षित किया जाएगा।
- 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों में अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण लागू होगा।
- राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों में धारा 15(5) के तहत आरक्षण लागू किया जाएगा।
- आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और किसी भी परिवर्तन के लिए केवल विधान मंडल की अनुमति अनिवार्य होगी।
राहुल गांधी ने इस अवसर पर कहा कि बीजेपी का सच्चा चेहरा देशवासियों के सामने लाया जाएगा और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए गठबंधन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।