लद्दाख हिंसा में 4 की मौत, 70 घायल; कर्फ्यू और इंटरनेट बंद

नई दिल्ली। लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को अचानक हिंसा में बदल गया। इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों समेत करीब 70 लोग घायल हो गए।

घटना के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस देश में अस्थिरता फैलाकर बांग्लादेश, नेपाल और फिलीपींस जैसी परिस्थितियां पैदा करना चाहती है।

उन्होंने दावा किया कि लद्दाख के विरोध प्रदर्शनों को “जनरेशन-जी” के गुस्से के रूप में पेश करने की कोशिश की गई, लेकिन असल में यह कांग्रेस का संगठित आंदोलन था।

भाजपा का आरोप – कांग्रेस की साजिश

पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “कांग्रेस का असली नारा है – भारत तेरे टुकड़े होंगे। यह राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस की संयुक्त साजिश है। चूंकि जनता कांग्रेस को स्वीकार नहीं कर रही, इसलिए वे देश को बांटने की राजनीति कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी बार-बार युवाओं को भड़काते हैं और पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश और नेपाल की तरह हालात बनाने की कोशिश करते हैं।

“भारत की सभ्यता तोड़ना आसान नहीं”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारत हजारों साल पुरानी सभ्यता है और यहां के लोग अच्छे-बुरे का अंतर समझते हैं। “लोग जानते हैं कि 2014 से पहले देश की स्थिति क्या थी और आज कहां पहुंचे हैं। भारत आज वैश्विक मंच पर चमकता सितारा है। अगर कोई देश तोड़ने का प्रयास करेगा, तो जनता उसे जवाब देगी।”

कांग्रेस पार्षद पर हिंसा भड़काने का आरोप

पात्रा ने घटना से जुड़ी तस्वीरें भी साझा कीं। उनके अनुसार लेह के अपर वार्ड से कांग्रेस पार्षद स्टैंजिंग सेपांग युवाओं को उकसाते हुए और भीड़ को भाजपा कार्यालय की ओर ले जाते हुए नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि यही पार्षद हिंसा का मुख्य षड्यंत्रकर्ता था और उसके पास हथियार भी मौजूद थे।

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