पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक मंच पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर उच्च स्तरीय बहस के दौरान कई बार अटक गए। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने कुल सात बार भाषण में ठोकर खाई, जो सोशल मीडिया पर चर्चा और ट्रोलिंग का विषय बन गया।
उन्होंने यूएनएससी में एआई को दोहरे उपयोग वाली तकनीक बताते हुए कहा कि यह सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद कर सकती है, लेकिन गलत इस्तेमाल से वैश्विक असमानताएं बढ़ सकती हैं और शांति को खतरा हो सकता है। ख्वाजा आसिफ ने जोर देकर कहा कि एआई के सैन्य उपयोग को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत नियंत्रित किया जाना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान के हालिया संघर्ष का जिक्र भी किया और कहा कि एक परमाणु संपन्न देश ने एआई आधारित हथियारों और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो एआई के सैन्य खतरे को दर्शाता है। ख्वाजा ने चेताया कि मानव नियंत्रण के बिना चलने वाले एआई हथियारों और प्रणालियों का उपयोग युद्ध की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, जिससे फैसले लेने का समय कम होगा और कूटनीतिक प्रयासों का अवसर घटेगा।
हालांकि उनके भाषण में कई भाषाई गलतियों और वाक्यों को दोहराने की वजह से यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और ट्रोलिंग का मुख्य विषय बन गया, जिससे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि पर फिर सवाल उठे।