वृंदावन, 25 सितंबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार सुबह विशेष ट्रेन से वृंदावन पहुंचीं। दिल्ली से सुबह 8 बजे रवाना हुईं राष्ट्रपति करीब दो घंटे के सफर के बाद वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन पर उतरीं। उनके साथ उनके स्टाफ के लिए ट्रेन के 18 कोचों में से 12 कोच आरक्षित थे, जिनमें प्रेसिडेंशियल और डीलक्स सुइट, रेस्टोरेंट, लाउंज और पावर कार शामिल थे।
रेलवे स्टेशन पर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, मथुरा के मेयर विनोद अग्रवाल और एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति का यह दौरा लगभग सात घंटे का था, जिसमें उन्होंने वृंदावन और मथुरा के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दर्शन और पूजा अर्चना की।
राष्ट्रपति ने सबसे पहले ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का दौरा किया। यहां उन्होंने पूरी विधि विधान से पूजा की और भगवान के चरणों में माथा टेका। बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामी परिवार ने पूजा का आयोजन किया। मंदिर प्रबंधन के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति का आगमन वृंदावन के लिए गौरव का क्षण है। राष्ट्रपति ने भगवान के लिए भेंट स्वरूप लिफाफा अर्पित किया और कन्नौज से लाए गए विशेष इत्र से पूजा की। पूरे कार्यक्रम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।
बांके बिहारी मंदिर के बाद राष्ट्रपति निधिवन पहुंचीं। यहां उन्होंने वृक्षों की पूजा की और लगभग 500 मीटर की परिक्रमा की। निधिवन में उन्होंने बिहारी जी की प्राकट्य स्थली, रंग महल, रास मंडल, बंशी चोरी राधा रानी और स्वामी हरिदास जी के समाधि स्थल पर जाकर दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने वृंदावन की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानकारी प्राप्त की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वृंदावन और मथुरा के लिए गर्व का विषय भी है। वे श्रीकृष्ण जन्मस्थान का दर्शन करने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति बन गईं, इससे पहले यह सम्मान पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को प्राप्त था।