2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए गए लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कर्नल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पुरोहित को पदोन्नति पर बधाई देते हुए उन्हें देशभक्त बताया। मंत्री ने ट्वीट में लिखा, “कर्नल पुरोहित को वर्दी में वापस आने पर बधाई। सरकार उन देशभक्तों के साथ है जो साहस और निष्ठा के साथ देश की सेवा करते हैं।”
अदालत ने किया बरी
पुरोहित उन सात आरोपियों में शामिल थे जिन्हें 31 जुलाई को विशेष एनआईए अदालत ने बरी कर दिया था। अदालत ने स्पष्ट किया था कि केवल संदेह सबूत की जगह नहीं ले सकता और उचित संदेह से परे ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं मिलने के कारण सभी आरोपियों को निर्दोष ठहराया गया।
9 साल जेल में रहे बंद
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग घायल हुए। इस मामले में 14 लोग गिरफ्तार किए गए, लेकिन केवल सात आरोपियों पर मुकदमा चला। कर्नल पुरोहित इस दौरान नौ साल तक जेल में रहे। उन्होंने अदालत में यह दावा किया था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया।
31 जुलाई को एनआईए की अदालत ने कर्नल पुरोहित के साथ भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अन्य छह आरोपियों को भी बरी कर दिया। अन्य बरी किए गए आरोपियों में मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल हैं।
यह फैसला पुरोहित और अन्य बरी हुए आरोपियों के लिए लंबी कानूनी लड़ाई का अंत और न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है।