लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने डाक मतपत्रों की गिनती की प्रक्रिया को संशोधित किया है। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने से पहले ईवीएम की अंतिम गिनती शुरू न हो।
पहले गिनती के दिन सुबह 8 बजे डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होती थी और 8:30 बजे ईवीएम की गिनती। पुराने नियमों के अनुसार, ईवीएम की अंतिम गिनती डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने से पहले भी समाप्त हो सकती थी। नए नियम के तहत अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम की अंतिम गिनती शुरू होगी।
बिहार में पहली बार लागू होगा नया नियम
इस नई प्रक्रिया का पहला प्रयोग नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में किया जाएगा। आयोग ने कहा कि इससे गिनती प्रक्रिया अधिक एकरूप और पारदर्शी बनेगी और मतदाताओं और उम्मीदवारों में किसी तरह का भ्रम नहीं रहेगा।
पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था
चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की संख्या अधिक होगी, वहां पर्याप्त संख्या में टेबल और गिनतीकर्मी तैनात किए जाएं। इसका उद्देश्य गिनती में देरी को रोकना और समय पर प्रक्रिया पूरी करना है।
डाक मतपत्रों की संख्या में वृद्धि
दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर से मतदान की सुविधा शुरू होने के कारण डाक मतपत्रों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में गिनती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना आवश्यक हो गया है।
विश्वास और निष्पक्षता बढ़ेगी
चुनाव आयोग का मानना है कि इस कदम से चुनावी प्रक्रिया पर जनता का भरोसा मजबूत होगा। डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने तक ईवीएम की अंतिम गिनती रोके रखने से उम्मीदवारों और दलों को यह आश्वासन मिलेगा कि मतगणना निष्पक्ष, व्यवस्थित और समयबद्ध रूप से होगी।