काठमांडू: जेन-जी आंदोलन के बाद नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने गुरुवार को देश के नाम संबोधन में आगामी चुनावों का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार 5 मार्च तक स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराने के लिए तैयारियों में जुट गई है। इसके साथ ही उन्होंने मतदान की आयु सीमा में बदलाव कर 16 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को वोट देने का अधिकार दिया। इससे पहले देश में मतदान की न्यूनतम आयु 18 वर्ष थी।
अंतरिम पीएम कार्की ने कहा कि सरकार ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मिलकर जनशक्ति, बजट, चुनाव सामग्री, सुरक्षा और कानूनी व्यवस्थाओं पर चर्चा कर ली है। उन्होंने बताया कि अध्यादेश के माध्यम से चुनाव कानून में संशोधन किया गया है ताकि युवा मतदाता शामिल हो सकें और वोटर सूची का विस्तार हो।
कार्की ने सभी नागरिकों से आगामी प्रतिनिधि सभा के चुनावों में उत्साहपूर्वक भाग लेने और ऐसे प्रतिनिधियों का चयन करने का आह्वान किया, जो युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर सकें। उन्होंने राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और मीडिया से भी सहयोग की अपील की और शांतिपूर्ण चुनावी वातावरण बनाए रखने पर जोर दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार संविधान में संशोधन या शासन प्रणाली में बदलाव करने का अधिकार नहीं रखती, इसे नई संसद संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से तय करेगी। कार्की ने भ्रष्टाचार समाप्त करने, सुशासन सुनिश्चित करने और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जेन-जी विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों सहित 74 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “सितंबर क्रांति 2025 ने हमारे साहसी युवाओं, खासकर जेन-जी पीढ़ी ने हमें नया मार्ग दिखाया है। यह केवल आंदोलन नहीं था, बल्कि लोकतंत्र और अच्छे शासन की पुकार थी।”
कार्की ने उन युवाओं को सलाम किया जिन्होंने अपनी आवाज उठाई और कहा कि उनके प्रयासों ने नेपाल के लोकतंत्र को मजबूत किया है।