लेह में जारी तनावपूर्ण माहौल और कर्फ्यू के बीच शुक्रवार को गृह मंत्रालय का एक उच्चस्तरीय दल स्थिति का जायज़ा लेने पहुँचा। टीम ने उपराज्यपाल, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस और लेह एपेक्स बॉडी के प्रतिनिधियों के साथ लगातार बैठकों में सुरक्षा हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की।
कर्फ्यू के चलते शहर में रोज़मर्रा का जीवन अस्त-व्यस्त है। लोगों को दूध, सब्ज़ी और राशन जैसी ज़रूरी चीज़ों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने एहतियातन सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्र दो दिन के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया है।
घायलों का इलाज जारी, छह की हालत गंभीर
हिंसक घटनाओं में घायल हुए लोगों में से 27 मरीज एसएनएम अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें छह की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में परिजन मौजूद हैं। उनका आरोप है कि कई युवकों को जानबूझकर हिरासत में रखा गया है, जबकि कुछ को पहले ही छोड़ दिया गया। वे सभी की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
कारगिल में लौटी रौनक, लेकिन सख़्त निगरानी बरकरार
वहीं दूसरी ओर, कारगिल में गुरुवार को बंद के बाद शुक्रवार को सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट आया। बाज़ार, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले और लोग सतर्कता के साथ खरीदारी करने निकले। हालांकि किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती जारी रही।
तनाव बरकरार, आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी संवैधानिक मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, आंदोलन जारी रहेगा। फिलहाल प्रशासन हालात पर कड़ी नज़र बनाए हुए है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।