नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से बीएसएनएल के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का शुभारंभ किया। यह पहल मोदी के दस साल पुराने आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक बड़ा परिणाम है। अब भारत 2जी, 3जी और 4जी सेवा के लिए पूरी तरह से विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं रहेगा।
स्वदेशी 4जी नेटवर्क के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को पूरी तरह देश में विकसित किया गया है। रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) को सी-डाट और तेजस नेटवर्क ने तैयार किया, जबकि बीएसएनएल और टीसीएस ने बाकी तकनीकी काम संभाला। प्रधानमंत्री ने 98,000 नए 4जी टावरों का भी उद्घाटन किया, जिससे देश के दो करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा और 30,000 से अधिक गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया के उन पांच देशों में शामिल हो गया है जिनके पास पूरी तरह स्वदेशी 4जी तकनीक है। इस सूची में चीन, स्वीडन, दक्षिण कोरिया और डेनमार्क भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेशी 4जी नेटवर्क भविष्य में 5जी सेवा के लिए भी तैयार है, जिससे भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वदेशी 4जी नेटवर्क से आदिवासी क्षेत्रों, दूरदराज के गांवों, पहाड़ी इलाकों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल सेवाओं का लाभ मिलेगा। इसके तहत ग्रामीण बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा, किसानों को फसल की कीमत जानने और मरीजों को टेलीमेडिसिन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, देश के सीमा और हिमालयी क्षेत्रों में तैनात फौजी भी सुरक्षित कनेक्टिविटी का फायदा उठाएंगे।
इस नए नेटवर्क के जरिए भारत टेलीकॉम सेक्टर में अपनी आत्मनिर्भरता को और मजबूत कर दुनिया के अन्य देशों को 4जी तकनीक और उससे जुड़े उपकरण भी निर्यात करने में सक्षम होगा।