शेयर बाजार में गिरावट रोक पाएगा आरबीआई? निवेशकों की उम्मीदें नीतिगत फैसलों पर

पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है। खासतौर पर पिछले सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 2.5% से 3% की गिरावट दर्ज की गई। इस भारी गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिका में H1B वीज़ा फीस में वृद्धि को माना जा रहा है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को बड़ा नुकसान हुआ।

H1B वीज़ा फीस बढ़ने का असर
अमेरिका ने H1B वीज़ा की फीस बढ़ाकर लगभग 1 लाख डॉलर कर दी है। यह वीज़ा उन विदेशी पेशेवरों को दिया जाता है, जिन्हें अमेरिकी कंपनियां अस्थायी तौर पर हायर करती हैं। भारत की कई आईटी कंपनियों के कर्मचारी अमेरिका में काम करते हैं, इसलिए इस फैसले का सीधा असर इनके शेयरों पर पड़ा। टेक महिंद्रा के शेयर 9.43%, TCS 8.51%, इंफोसिस 5.95%, ट्रेंट 7.84%, एशियन पेंट्स 5.72% और महिंद्रा एंड महिंद्रा 5.44% गिर गए।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी गिरावट
सेंसेक्स 2,199.77 अंक या 2.66% टूटकर 80,426.46 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी-50 672.35 अंक या 2.65% गिरकर 24,654.70 पर आ गया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की स्थिति और भी खराब रही। निफ्टी मिडकैप-50 में 4.40% और स्मॉलकैप-100 में 5.10% की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 27 के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।

RBI की MPC बैठक और आने वाले आर्थिक आंकड़ों पर निगाहें
अब निवेशकों की निगाहें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर टिकी हैं, जो 29 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर को खत्म होगी। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उम्मीद है कि RBI ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर सकता है, जिससे बाजार में राहत मिल सकती है। इसके अलावा 29 सितंबर को औद्योगिक उत्पादन (IIP) और 1 अक्टूबर को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का PMI डेटा भी बाजार की दिशा तय करेगा।

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