करूर। तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली में हुई भगदड़ को लेकर अन्नाद्रमुक महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री ई.के. पलानीस्वामी ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 51 से अधिक लोग घायल हैं।
पलानीस्वामी ने कहा कि हादसे की मुख्य वजह सुरक्षा में चूक है। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि प्रशासन ने पहले से पर्याप्त इंतजाम किए होते तो इस भयावह स्थिति को टाला जा सकता था। मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके की रैली के दौरान अचानक बिजली गुल हो जाने से अफरा-तफरी मच गई, जिससे भगदड़ हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टीवीके पहले भी कई रैलियां कर चुकी है, ऐसे में आयोजकों और प्रशासन दोनों को सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान देना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को पिछली रैलियों में जुटी भीड़ को देखते हुए करूर जैसे छोटे शहर में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए थी।
पलानीस्वामी रविवार को करूर के सरकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि लोग रैलियों में इस भरोसे से आते हैं कि उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, लेकिन इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनकी सरकार थी, तब राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान सभी जरूरी इंतजाम किए जाते थे। लेकिन मौजूदा सरकार और पुलिस की भूमिका निष्पक्ष नहीं है। पलानीस्वामी ने कहा कि जहां सत्तारूढ़ द्रमुक के कार्यक्रमों को भरपूर सुरक्षा दी जाती है, वहीं विपक्षी दलों को अदालत का रुख करना पड़ता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से पीड़ित परिवारों और घायलों से मिलने तथा राहत की घोषणा करने की अपील की। साथ ही कहा कि इस हादसे को रोकने के लिए सरकार और पुलिस ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किए और प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय रहा।