राज्य कर्मचारी परिषद का आंदोलन का ऐलान, 18 अक्टूबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन

राज्य कर्मचारियों की उपेक्षा और लंबित मांगों के प्रति कार्रवाई न होने से नाराज राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 18 अक्टूबर को आंदोलन की घोषणा की है। इस दिन प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।

परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने रविवार को पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय साझा किया। उन्होंने कहा कि पिछले 18 माह से मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कार्मिक के स्तर पर कोई वार्ता नहीं हुई, जिसके कारण कर्मचारियों की मांगें अनसुनी रही हैं। विभागों में भी अधिकारी इन मांगों के प्रति उदासीन बने हुए हैं।

तिवारी ने बताया कि खाद्य रसद विभाग में नीति के खिलाफ किए गए पदाधिकारियों के स्थानांतरण अभी तक निरस्त नहीं किए गए हैं। समाज कल्याण और जनजाति विभाग में औसत परीक्षा परिणाम के आधार पर दर्जनों शिक्षकों को नौकरी से हटाया गया है। कई विभागों में खाली पदों को भी नहीं भरा गया है। वहीं आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम तो बना है, लेकिन विभागों में इसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा।

परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने बताया कि परिषद ने मुख्यमंत्री को पुनः पत्र लिखकर कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का संज्ञान लेने, दशहरा एवं दीपावली से पहले वेतन भुगतान, महंगाई भत्ते की किश्त और बोनस देने की मांग की है। बैठक में उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, डीके त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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