पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले ही पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने रविवार को अपनी स्क्रीनिंग कमेटी की अहम बैठक की, जो करीब सात घंटे तक चली। बैठक में सीट वार विस्तार से चर्चा हुई और कांग्रेस लगभग 40 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के चयन के करीब पहुंच गई है।
पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, प्रभारी सचिव सुशील पासी, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, शकील अहमद खान, मदन मोहन झा और अन्य कमेटी सदस्य शामिल रहे। बैठक की अध्यक्षता कमेटी के चेयरमैन अजय माकन ने की।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि पार्टी कई मुद्दों पर एक साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है। अभी सभी सीटों और संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा जारी है। इसके साथ ही पार्टी उन सीटों पर चुनावी रणनीति भी तैयार कर रही है, जो उन्हें पहले मिली थीं। कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ भी रणनीतियों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर संवाद कर रही है।
बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि पार्टी पिछले चुनावों से सीख लेकर इस बार अधिक सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति बना रही है। उम्मीदवारों के चयन के लिए सर्वे रिपोर्ट, जिला कांग्रेस कमेटी की रिपोर्ट और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट को आधार बनाया जा रहा है। कांग्रेस 70 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन की तैयारी कर रही है, जो उसके पिछले चुनावी हिस्से के अनुरूप हैं।
बिहार कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि पार्टी ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और इस बार पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरने की योजना है। बैठक में चुनावी प्लानिंग, सीटों का बंटवारा और सहयोगी दलों के साथ समन्वय को लेकर चर्चा हुई।
हालांकि, अभी विपक्षी गठबंधन में सीटों का बंटवारा तय नहीं हुआ है। ऐसे में कांग्रेस अपने कोटे वाली 70 सीटों पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि घटक दलों के बीच सीटों में बदलाव की संभावना कम है। पार्टी नए चेहरों को मौका देने पर जोर दे रही है, जबकि कुछ मौजूदा विधायकों की सीट भी बदली जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे के तुरंत बाद ही कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। इसके बाद वरिष्ठ नेता इन सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे। पिछली बार 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों में से केवल 17 में जीतने में सफल रही थी, जबकि 13 सीटें बेहद कम वोट अंतर से हार गई थीं।