नई दिल्ली: वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को भारत की लॉन्ग-टर्म लोकल और फॉरेन करेंसी इश्यूअर रेटिंग को Baa3 पर बनाए रखा और इसके साथ ही ‘स्थिर’ आउटलुक भी दिया। लोकल करेंसी सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग भी Baa3 पर बनी रही, जो यह दर्शाती है कि भारत अपने कर्ज चुकाने में सक्षम है, चाहे वह घरेलू मुद्रा में हो या विदेशी मुद्रा में।
मूडीज ने शॉर्ट-टर्म लोकल करेंसी रेटिंग को भी P-3 पर बरकरार रखा। एजेंसी ने बयान में कहा कि ये रेटिंग्स और स्थिर आउटलुक इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, उसकी बाहरी स्थिति मजबूत है और घरेलू फाइनेंसिंग का आधार ठोस है, जो मौजूदा राजकोषीय घाटे को संभालने में मदद करता है।
भारत की मजबूती और चुनौतियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक ताकतें उसे वैश्विक चुनौतियों, जैसे अमेरिका के उच्च टैरिफ या अन्य अंतरराष्ट्रीय नीतियों से होने वाले प्रभावों से बचाने में मदद करती हैं, जो मैन्युफैक्चरिंग और निवेश को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लॉन्ग-टर्म वित्तीय कमजोरियां भी मौजूद हैं। अच्छी GDP वृद्धि और धीरे-धीरे फिस्कल मजबूती बढ़ने के बावजूद, भारत का ऊँचा कर्ज का बोझ कम होने में समय लगेगा।
हाल के फिस्कल कदम, जैसे प्राइवेट खपत बढ़ाने की योजना ने सरकार के राजस्व आधार को थोड़ी कमजोरी दी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत की लॉन्ग-टर्म लोकल करेंसी (LC) बॉन्ड रेटिंग A2 और फॉरेन करेंसी (FC) बॉन्ड रेटिंग A3 पर बनी हुई है। इससे पहले, 14 अगस्त को S&P ग्लोबल ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया था।
EY की रिपोर्ट में भी सकारात्मक संकेत
वहीं, EY ने अपनी ‘इकोनॉमी वॉच’ रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की रियल GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया है। इस बढ़ोतरी का श्रेय जून तिमाही में 7.8% मजबूत GDP वृद्धि और GST सुधारों के कारण मांग में सुधार को दिया गया है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां जैसे निर्यात में रुकावटें भारत की वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। EY का अनुमान है कि FY26 में भारत की रियल GDP वृद्धि 6.7% रह सकती है।