समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां दिल्ली से इलाज कराकर रविवार रात रामपुर लौट आए। सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद तीन दिन तक दिल्ली के एक अस्पताल में उनका स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज चला।
रामपुर पहुंचने के बाद उनके घर पर समर्थकों और पार्टी पदाधिकारियों का तांता लग गया। सोमवार को रिहाई के बाद उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी का दौरा किया, जहां छात्रों से मुलाकात कर उन्हें सियासी और सामाजिक मामलों पर मार्गदर्शन दिया। इसके अलावा आजम खां मेडिकल कालेज भी पहुंचे और वहां स्वास्थ्य सेवाओं व छात्रों की समस्याओं का जायजा लिया।
समर्थकों ने घर के बाहर उनका जोरदार स्वागत किया और हौसला बढ़ाया। पूर्व मंत्री ने कहा कि अब उनका ध्यान जनता और युवाओं के भविष्य से जुड़े मुद्दों को समझने और उनका समाधान निकालने पर रहेगा। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने आगामी योजनाओं और सामाजिक गतिविधियों को लेकर रणनीति भी बनाई।
आजम खां ने जेल में बिताए दिनों का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने मुश्किल हालात में दोपहर में एक पतली रोटी और शाम को उसका आधा हिस्सा खाकर गुजारा किया। पेट भरने के लिए कभी-कभी नींबू से आचार बना लेते थे। उन्होंने कहा कि पांच साल तक छोटी कोठरी में रहने का सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ा है, इसलिए फिलहाल प्राथमिकता स्वास्थ्य सुधार को दी जा रही है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के आठ अक्तूबर को रामपुर आगमन के संबंध में आजम खां ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी अखबारों से मिली। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “हम तो छोटी गली में रहते हैं, बड़े लोग आएंगे तो स्वागत अच्छा लगेगा।”
सपा नेता शाहिद सिद्दीकी के आरोपों को खारिज करते हुए आजम खां ने कहा कि वह एक अच्छे नेता हैं, लेकिन कुछ गलतफहमी हो गई थी। उन्होंने जेल में टीवी पर मुख्तार अंसारी की मौत और धीमे जहर के बारे में खबर आने पर विशेष सतर्कता बरतने की बात भी साझा की।