अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सख्त आर्थिक कदम उठाते हुए विदेशी फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय भारत सहित कई देशों के फिल्म उद्योग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी सिनेमा कारोबार विदेशी कंपनियों से प्रभावित हुआ है और अब इसे रोकने के लिए यह कदम जरूरी है।
सोशल मीडिया पर की टिप्पणी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘सोशल ट्रुथ’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने लिखा कि अमेरिकी फिल्म निर्माण को “बच्चे से कैंडी छीनने” की तरह छीना गया है। उन्होंने कैलिफोर्निया के गवर्नर पर भी निशाना साधते हुए उन्हें “कमजोर और अक्षम” करार दिया। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि विदेशी फिल्मों पर टैरिफ लागू कर इस समस्या का समाधान खोजा जाएगा।
मनोरंजन कंपनियों पर असर
इस घोषणा के बाद अमेरिकी मनोरंजन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। नेटफ्लिक्स के शेयर 1.4% और वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के शेयर 0.6% गिरे। हॉलीवुड स्टूडियोज और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब इस नई नीति के असर का आकलन करने में जुट गए हैं।
फर्नीचर उद्योग पर भी टैरिफ की चेतावनी
ट्रंप ने विदेशी फर्नीचर आयात को भी निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि नॉर्थ कैरोलाइना जैसे राज्यों का फर्नीचर उद्योग चीन और अन्य देशों से नुकसान झेल रहा है। राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि अब इस क्षेत्र में भी भारी टैरिफ लगाया जाएगा ताकि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिले।
क्या होगा असर?
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि 100 प्रतिशत टैरिफ से अमेरिकी सिनेमाघरों में विदेशी फिल्मों की लागत दोगुनी हो सकती है। इसका सीधा असर टिकट की कीमतों और वितरण व्यवस्था पर पड़ सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं की अमेरिकी बाजार तक पहुंच मुश्किल हो सकती है।
कई देशों के उद्योग संगठनों ने इस फैसले पर चिंता जताते हुए इसे व्यापार में हस्तक्षेप बताया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम वैश्विक फिल्म उद्योग की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है और कई प्रोडक्शन प्रोजेक्ट्स अटक सकते हैं।