यूपी में गंगा में बड़ी तादाद में मिल रहे शवों के बाद सरकार एक्शन में आ गई है. अब योगी सरकार ने शवों के गंगा में प्रवाहित करने पर रोक लगा दी है. शवों के नदियों में मिलने के बाद से सरकार की हर तरफ फजीहत हो रही थी. अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है. सरकार की तरफ से नदियों के किनारों पर पेट्रोलिंग बढ़ाने के भी आदेश जारी किए गए हैं.
नदियों के किनारे पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी PAC की जल पुलिस और SDRF को सौंपी गई है. ये टीमें नाव से नदियों में और घाट के किनारे गश्ती करेंगी, जिससे कोई भी शव को नदियों में प्रवाहित न कर सके. अब दिन रात इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. यूपी में पिछले दिनों उन्नाव समेत की जगहों पर बड़ी संख्या में शव नदियों के किनारे मिले थे.
ये मामला विपक्ष तेजी से उठा रहा है . वहीं सरकार की काफी फजीहत हो रही है. वहीं केंद्र सरकार ने मामले की जांच कानपुर IIT के एक्सपर्ट प्रोफेसर विनोद तारे को सौंपी है. सरकार अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शवों के गंगा में प्रवाहित होने की वजह से नदी और आम लोगों पर इसका क्या असर होगा. प्रोफेसर विनोद का भी कहना है कि शवों को पानी में बहाना बहुत ही गलत है इस तरह की घटनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.
यूपी सरकार के आदेश के हबिसाब से अगर अब कोई भी शवों को गंगा में प्रवाहित करता दिखेगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. सरकार नदियोंं के किनारे रहने वाले लोगों को इसे लेकर जागरुकता फैलाएगी.
सीएम योगी का कहना है कि सरकार सभी धर्मों की परंपराओं का आदर करती है. इसीलिए मृतकों के सम्मान से अंतिम संस्कार के लिए राशि तय की गई है. उन्होंने कहा कि लावारिश शवों का भी पूरे सम्मान के साथ धार्मिक परंपराओं के हिसाब से अंतिम संस्कार करवाया जाएगा. लेकिन परंपरा के नाम पर शवों को गंगा में बहाने की इजाजत नहीं है.