पंजाब के जालंधर से एक अमानवीय तस्वीर सामने आई है। यहां एक एंबुलेंस चालक ने महज 900 रुपये के लिए एक मरीज को रात के अंधेरे में सड़क पर छोड़ गया। पुलिस ने मरीज के परिजनों को बुलाया फिर पीड़ित का बेटा उसे दूसरी गाड़ी से अमृतसर ले गया। वहीं एडीसी जसबीर सिंह का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी।
बुधवार रात को महज 900 रुपये के लिए एंबुलेंस ड्राइवर ने मरीज को बीच सड़क पर छोड़कर निकल गया। मरीज पैरों से लाचार था और लोग उसको देखकर गुजरते रहे लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। वहां से गुजर रही पुलिस टीम ने उसे देखा। फिर उसके रिश्तेदारों को बुलाया गया। मरीज का बेटा दूसरी गाड़ी लेकर आया और पिता को लेकर अस्पताल गया।
फगवाड़ा के रहने वाले नवदीप ने बताया कि उसके पिता को पैरों में दिक्कत है वह चल फिर नहीं सकते। उन्हें जालंधर शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। बुधवार को अस्पताल से फोन आया कि उनके पिता की हालत गंभीर है। उन्हें शहर में ही दूसरे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवा दो और गुरुवार सुबह रेफर किया जाना था।
बुधवार रात को ही प्राइवेट अस्पताल ने एंबुलेंस बुलाकर उनके पिता सतनाम सिंह को रेफर कर दिया। एंबुलेंस किसी तीसरे अस्पताल से बुलाई थी। एंबुलेंस वाला उनके पिता को बिठाकर लाया और 900 रुपये मांगे। उस वक्त पिता के पास रुपये नहीं थे तो एंबुलेंस चालक रात को करीब 10 बजे नामदेव चौक के पास अकेले छोड़ दिया और कहा कि उसे दूसरी जगह जाना है।
जिस वक्त पैरों से लाचार सतनाम सिंह को सड़क पर छोड़ा गया, उस वक्त रात को नाइट कर्फ्यू लगा था। सड़क सुनसान थी। एंबुलेंस चालक ने इसी का फायदा उठाकर भाग निकला। हालांकि कुछ देर में पुलिस वहां पहुंच गई। मरीज से उसके घर का पता लेकर उन्हें फोन कर बुलाया। इसके बाद वो मरीज को अमृतसर लेकर चले गए। एडीसी जसबीर सिंह का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी।