कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते टीकों की देश भर में किल्लत हो गई है। ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने ऐसे हालात पैदा होने को लेकर सरकार को ही दोषी ठहरा दिया है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक ने शुक्रवार को कहा है कि सरकार ने डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों और अपने पास मौजूद टीकों के स्टॉक का आकलन किए बिना ही 18 से 45 वर्ष वालों को टीका लगाना शुरू कर दिया है।
देश को डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पालन करना चाहिए
सुरेश जाधव ने कहा है कि देश को डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पालन करना चाहिए और उसी हिसाब से टीकाकरण को भी चलाया जाना चाहिए। शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका लगना था जिसके लिए 60 करोड़ डोज़ की जरूरत थी, लेकिन सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम के दरवाजे खोल दिए।
टीकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए इनका उपयोग
सुरेश जाधव ने कहा कि सरकार को पता था कि इतनी संख्या में टीके उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें पहले टीकों की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और फिर ही इनका उपयोग करना चाहिए।