राजस्थान में बढ़ते कोरोनो संक्रमण के बीच झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी हो गई है। खांसी-जुकाम, बुखार जैसी परेशानी होने पर मरीज इन्हीं झोलाछाप डॉक्टरों की शरण ले रहे हैं। यहां से बीमारी बिगड़ जाती है, फिर बड़े अस्पताल याद आते हैं। ऐसा ही एक मामला उदयपुर से 18 किलोमीटर दूर धार पंचायत समिति के पास मिला है।
दैनिक भास्कर की टीम पहुंची तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। मेडिकल स्टोर की आड़ में एक युवक (खुद को फार्मासिस्ट बताता है) मरीजों का इलाज करता मिला। बाकायदा उसने दुकान के पीछे साइड में बेड तक लगा रखा था। पूरा इलाका इसको ‘डॉक्टर साहब’ के नाम से जानता है। खास बात यह है कि दुकान के बाहर इसने फर्जी कुछ दस्तावेज लगा रखे हैं, ताकि वहां आने वालों को यकीन हो जाए कि यह युवक सही में डॉक्टर है। बहरहाल, टीम के पहुंचते ही ‘डॉक्टर साहब’ क्लीनिक बंद कर चलते बने।
धार पंचायत समिति के बस स्टैंड के नजदीक ही जय महादेव मेडिकल शॉप है। यहां जितेंद्र नाम का झोलाछाप डॉक्टर पिछले लंबे समय से ग्रामीणों का उपचार कर रहा है। रोज सुबह से ग्रामीणों की भीड़ जितेंद्र के फर्जी क्लीनिक के बाहर लगनी शुरू हो जाती है। जहां बारी-बारी से जितेंद्र मरीजों को अपनी दुकान में बुलाता है। उनसे बातचीत कर दवा दे देता है। इसकी एवज में जितेंद्र ग्रामीणों से फीस भी वसूलता है।