लद्दाख: पारेषण लाइनों के लिए केंद्र की मंजूरी, गांवों को 24 घंटे मिलेगी बिजली 

केंद्र सरकार ने दूर-दराज के गांवों को ग्रिड से जोड़ने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को 1309.71 करोड़ रुपये की संशोधित लागत पर अंतरराज्यीय पारेषण कार्यों को मंजूरी दे दी है। परियोजना पूरी होने पर सेना और दूर-दराज के गांवों को चौबीसों घंटे बिना बाधा के बिजली मिलेगी और पर्यावरण की बेहतरी के लिए डीजी सेटों को चरणबद्ध ढंग से बंद करेगी।

इस परियोजना के तहत 1309.71 करोड़ रुपये की लागत से डी/सी टावर की 220 केवी एस/सी ट्रांसमिशन लाइनें (कुल 307 किमी) बिछाई जाएंगी। इसमें कारगिल-पदुम (जांस्कर) (207 किमी), फ्यांग से दिस्कित (नुब्रा) (100 किमी) की दो लाइनें और 220/33 केवी ग्रिड के दो सब स्टेशन बनाए जाएंगे। एक सब स्टेशन दिस्किट, नुब्रा (50 एमवीए) में बनेगा, और दूसरा पदुम, ज़ांस्कर (50 एमवीए) में तैयार होगा।

लद्दाख के विद्युत सचिव रविंदर कुमार ने कहा कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी) 2015 का हिस्सा थीं, जिन्हें विभिन्न कारणों के चलते शुरू नहीं किया गया था। अब इन सभी कामों के लिए शीघ्र ही टेंडर किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि आरईसी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड (आरईसीटीपीसीएल) को लद्दाख में ट्रांसमिशन कार्यों को अंजाम देने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है, जबकि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) परियोजना प्रबंधन एजेंसी है। परियोजनाओं की लागत को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने 354.74 करोड़ रुपये से संशोधित कर 1309.71 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

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