Bihar News: जेल में बंद पप्पू यादव की जमानत याचिका खारिज, 32 साल पुराने मामले में हुए हैं गिरफ्तार

32 साल पुराने एक किडनैपिंग केस में गिरफ्तार किए गए जन अधिकार पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Bihar Pappu Yadav got bail) को मंगलवार की सुबह मधेपुरा सेशन कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि जिला जज ने वर्चुअल सुनवाई करते हुए अपना निर्णय दोपहर बाद सुनाया. इससे पहले लगभग दो घंटे तक अपने निर्णय को उन्‍होंने सुरक्षित रखा था. दोपहर बाद जिला जज ने फैसला सुनाते हुए पप्‍यू यादव को जमानत देने से इनकार करते हुए याचिका ख़ारिज कर दी. इस दौरान पप्पू यादव के वकीलों ने जमानत को लेकर अपना पक्ष रखा लेकिन कोर्ट ने उसे नहीं माना.

बता दें कि पप्पू यादव को पटना से बीते 11 मई को गिरफ्तार किया गया था. पप्पू यादव को अभी इलाज के लिए दरभंगा के डीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. 11 मई की सुबह पटना के उत्तरी मंदिरी स्थित पप्पू यादव के आवास पर बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस पहुंची थी. पुलिस ने कहा कि था कि लगातार लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी कर रहे पप्पू यादव को चेतावनी दी गई थी. इसके बाद पप्पू यादव को पटना के गांधी मैदान थाने में लाया गया था यहां उन्हें काफी देर तक बैठाया रहा गया. कोविड की जांच भी कराई गई थी जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इसके कुछ ही देर बाद यह खबर सामने आ गई थी कि पप्पू यादव को एक 32 साल पुराने किडनैपिंग केस में गिरफ्तार किया गया था.

32 साल पुराने मामले में हुई थी गिरफ्तारी

इससे पहले 29 मई को भी जमानत पर सुनवाई हुई थी और इससे पहले 27 मई को हुई सुनवाई में पप्पू यादव की बेल रिजेक्ट हो गई थी. मधेपुरा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेएम प्रथम अनुप कुमार सिंह ने जानकारी के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व सांसद का बेल रिजेक्ट कर दी थी. मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को अपहरण के एक 32 साल पुराने मामले में कोर्ट ने जेल भेज दिया था.

पप्पू यादव पर वर्ष 1989 में सूचक शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था. इसी मामले में पटना पुलिस ने 11 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था. कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें बीरपुर जेल भेज दिया गय था. इसके बाद सांसद की तबीयत खराब होने के कारण दरभंगा इलाज के लिए भेज दिया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद जाप कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे थे. आरोप लगाया जा रहा था कि पूर्व सांसद ने राजीव प्रताप रूढ़ी द्वारा छिपाए गए एंबुलेंस प्रकरण को सामने लाने के बाद पप्पू यादव के खिलाफ बदले की कार्रवाई की जा रही है.

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