केंद्र का WB के पूर्व मुख्य सचिव को नोटिस, 3 दिन में मांगा जवाब

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस भेजा है. अलपन बंदोपाध्याय से तीन दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. गृह मंत्रालय की तरफ से भेजे गए इस नोटिस में जिस एक्ट के तहत बंदोपाध्याय को नोटिस भेजा गया है, उसमें आरोप साबित होने पर दो साल तक की जेल और जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.31 मई को ही मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए बंदोपाध्याय अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चीफ एडवाइजर नियुक्त किए गए हैं.

बता दें कि ममता बनर्जी राज्य के मुख्य सचिव को केंद्र की सर्विस में नहीं भेजना चाहती थी. 28 मई को केंद्र ने बंद्योपाध्याय को पत्र लिखकर 31 मई को सुबह 10 बजे कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को रिपोर्ट करने के लिए कहा था. मुख्य सचिव को रिहा करने के लिए अनिच्छुक बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि “मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करती हूं कि आप अपने फैसले को वापस ले लें, इस पर पुनर्विचार करें और व्यापक जनहित में नवीनतम तथाकथित आदेश को रद्द करें.”

ऐसे में तीन महीने का एक्सटेंशन मिलने के बाद भी 31 मई को अलपन बंदोपाध्याय ने रिटायर होने का फैसला चुना.

नोटिस में क्या-क्या लिखा है?

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अलपन बंदोपाध्याय से ये जवाब मांगा गया है कि वो बताएं क्यों उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा-51 के तहत ‘कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए’. ये धारा केंद्र सरकार के निर्देश को मना करने से सरकारी काम में रुकावट से जुड़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि 28 मई को पश्चिम बंगाल में चक्रवात प्रभावित इलाके कलाईकुंडा में पीएम मोदी की समीक्षा बैठक से दूर रहते हुए अधिकारी ने “केंद्र सरकार के वैध निर्देशों का पालन करने से इनकार करने के समान काम किया है. और ऐसे में ये डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 51 (बी) का उल्लंघन है.”

नोटिस में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ रिव्यू मीटिंग के लिए कलाईकुंडा पहुंचे पहुंचने के बाद, ”प्रधानमंत्री और उनके दल को राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए लगभग 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था.”

अनुपस्थिति को ध्यान में रखते हुए, मुख्य सचिव को एक अधिकारी द्वारा बुलाया गया था कि वे समीक्षा बैठक में भाग लेना चाहते हैं या नहीं. इसके बाद, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग रूम में पहुंचे और उसके बाद तुरंत चले गए, ”

ममता बनर्जी से खफा है केंद्र!

अब अलपन बंदोपाध्याय विवाद में जिस मीटिंग का जिक्र हो रहा है, उस मीटिंग को लेकर ही ये ताजा विवाद शुरू हुआ था. न्यूज एजेंसी ANI को केंद्र सरकार के सरकारी सूत्रों ने कहा है कि ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी की समीक्षा बैठक में प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के विवाद पर गुमराह किया है.’

ANI ने अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार के सूत्र के हवाले से लिखा है कि पिछले हफ्ते कलाईकुंडा में जब प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे तो एक छोटी मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री दीघा के लिए रवाना हो गईं और रिव्यू मीटिंग तक में शामिल नहीं हुईं. ममता बनर्जी का कहना है कि उन्होंने जाने से पहले पीएम मोदी की इजाजत ली थी, लेकिन केंद्र सरकार के सूत्र बता रहे हैं कि पीएम मोदी ने उन्हें मीटिंग से जाने की परमिशन नहीं दी थी.

कुल मिलाकर बैठक में शामिल नहीं होने और अलपन बंदोपाध्याय पर शुरू हुए इस नए विवाद से ‘पश्चिम बंगाल सरकार बनाम केंद्र सरकार’ वाली स्थिति बन गई है.

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