कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट आई है। उत्पादन कम होने ट्रक यूनियन को भी माल कम मिल रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन पर पड़ा है। यहां पर पहले 22 सौ ट्रक प्रतिदिन माल तैयार हो कर निकलता था, जो घटकर अब 16 सौ ट्रक ही रह गया है। प्रतिदिन पांच सौ से छह सौ ट्रक कम माल तैयार हो रहा है।
सबसे अधिक उत्पादन में गिरावट सीमेंट उद्योग में दिखने को मिली है। लोग मकान कम बना रहे हैं। पहले बीबीएन तीन सीमेंट प्लांटों में 12 सौ ट्रक निकलते थे, लेकिन अब 8 सौ के करीब रह गए हैं। इस दूसरी लहर में उद्योगों में कामगारों की कमी नहीं रही। दस से पंद्रह फीसदी कामगार कम रहे लेकिन इससे उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा। अगर यहां का उद्योग जगत प्रभावित हुआ है तो सप्लाई चेन से प्रभावित हुआ है।
एक सप्ताह के बाद मिल रहा कच्चा माल
उद्योगों को जो कच्चा माल आज मिलना था वह एक सप्ताह बाद मिल रहा है। इससे उत्पादन भी देरी से हो रहा है। बाजार बंद होने से मांग उतनी नहीं रही है। बीबीएन में कच्चा माल अधिकांश बाहरी रायों से आता है। कोरोना के चलते लॉक डाउन व अन्य समस्याओं के चलते समय पर उद्योगपतियों को सप्लाई नहीं मिल रही है। सीआईआईए के हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष शैलेष अग्रवाल ने बताया कि सप्लाई चेन प्रभावित होने से उद्योग जगत में उत्पादन में गिरावट आई है।
जब पीछे से सप्लाई देरी से आ रही तो माल भी देरी से बन रहा है। इसी गैप के चलते उत्पादन में गिरावट आई है। प्रदेश सरकार के सहयोग के चलते इस साल उद्योगपतियों को कामगारों की कमी नहीं रही। इस महामारी के दौरान भी सभी उद्योगों में कामगार आते रहे। उन्होंने जुलाई से उद्योग जगत को पटरी पर आने की उम्मीद जताई है।
नालागढ़ ट्रक यूनियन के प्रधान विद्यारतन चौधरी ने बताया कि कोरोना की मार यूनियन पर भी पड़ी है। करीब पांच सौ ट्रक माल हर रोज कम मिलने से ट्रकों को कम माल मिल रही है। जिन ट्रकों को चार दिन में बारी आती थी अब एक सप्ताह से अधिक समय लग रहा है। नालागढ़ के सीमेंट उद्योग में उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट आई है।