चंडीगढ़: पंजाब में अगली साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले ही सूबे में सियासी हलचल शुरू हो गई है। पंजाब की तीन विधायकों वाली पार्टी पंजाब एकता पार्टी ने कांग्रेस में विलय का ऐलान कर दिया है। सुखपाल सिंह खैरा, जगदेव सिंह और पीरमल सिंह ने गुरुवार को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान सीनियर नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे.
गुरुवार को पूर्व नेता प्रतिपक्ष (पंजाब) सुखपाल सिंह खैरा (विधायक भोलाथ), जगदेव सिंह (विधायक मौर), और पीरमल सिंह (विधायक भदौर) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके 12 तुगलक लेन आवास पर मुलाकात की और कांग्रेस में पार्टी के विलय की घोषणा की। पूर्व कांग्रेसी खैरा दिसंबर 2015 में आप में शामिल हुए थे। दरअसल सुखपाल सिंह खैरा को पार्टीलाइन से अलग बोलने के कारण आप ने बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद उन्होंने पंजाब एकता पार्टी ने नए दल का गठन किया था।
वहीं ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि, खैरा की वापसी से कांग्रेस के नेताओं का एक वर्ग खुश नहीं है। इसके पीछे खैरा की छवि को वजह बताया जा रहा है। खैरा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी चल रहा है, जिसमें मार्च महीने में एनआईए ने उनके घर पर छापा भी मारा था। खैरा ने कांग्रेस नेता राणा गुरजीत सिंह के करीबियों की ओर से रेत खनन के ठेके का खुलासा किया था। इस कारण उन्हें कैबिनेट पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
माना जा रहा है कि, पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बड़ा दांव चल दिया है। दिल्ली में पेशी से पहले पार्टी में उनका पलड़ा भारी नजर आए। गुरुवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी कमेटी के समक्ष पेशी है। कमेटी इस बैठक की रिपोर्ट तैयार कांग्रेस हाईकमान को सौंपेगी।