भारतीय जनता पार्टी पंजाब के मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन ने राज्य सरकार की तरफ से विधायक राकेश पांडे के पुत्र को डायरेक्ट नायब तहसीलदार व विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा के पुत्र को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर भर्ती करने के कैबिनेट में पास हुए प्रस्ताव की कड़े शब्दों में निंदा की। दोनों विधायक पुत्रों को आंतकवाद पीड़ित परिवार कोटे से 34 वर्ष बाद दी गई सरकारी नौकरियों के फैसले को कैप्टन सरकार के खिलाफ विधायकों की बगावत से जोड़ते हुए सरीन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ बगावत रोकने के लिए दोनों विधायकों के साथ सौदा कर नौकरियां प्रदान कर सत्ता बचाने का प्रयास किया है।
वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में घर घर नौकरी देने के वादे की कांग्रेस नेतृत्व को याद दिलाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आंतकवाद के काले दौर में भाजपा के उस समय के प्रदेश अध्यक्ष स्व. हिताभिलाषी, प्रदेश स्तरीय नेता हरबंस लाल खन्ना व तरसेम सिंह बहार सहित अनेक राजनितिक दलों के नेताओं सहित तीस हजार से ज्यादा पंजाबियों ने देश की एकता व अंखडता के लिए शहादत दी थी। मगर नौकरियां देते समय पंजाब सरकार को आंतकवाद पीड़ित उक्त दो कांग्रेसी परिवार ही दिखाई दिए। इससे पूर्व भी राज्य सरकार इसी तरह सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के भाई को भी डीएसपी की नौकरी दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ से राज्य का नौजवान वर्ग बेरोजगारी के चलते विदेशों की तरफ रुख कर रहा है। बाकी के बचे नौजवान रोजगार न मिलने के चलते डिप्रेशन में नशे की गर्त में डूबते जा रहे हैं। राज्य सरकार घर-घर नौकरी देने के वादे को भूल हर तरह संपन्न कांग्रेस विधायकों के पुत्रों के तरस के आधार पर नौकरियां ताेहफे के रुप में प्रदान कर रही है। चेतावनी भरे लहजे में दी गई उक्त नौकरियां रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अंसवैधानिक,अनैतिक व अलोकतांत्रिक ढंग से यह नौकरियां विधायक पुत्रों को दी हैं।