हाथी के पैरों तले दंपती की मौत के दो घंटे विलंब से पहुंची रेंजर को गांव वालो ने बंदक बनया ..

जामताड़ा जिले के फतेहपुर में झुंड से बिछड़े जंगली हाथी ने रविवार की सुबह शौच के लिए निकले दंपति को रौंद दिया। घटना में 51 वर्षीय जियालाल पावरिया व उनकी पत्नी सोनामुनी टुडू (48 वर्ष) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना फतेहपुर थाना क्षेत्र के मालडीहा गांव के बाजेपाड़ा टोला में हुई। इस घटना की सूचना देने के दो घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने वन रेंजर को दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। 

फिलहाल झुंड से बिछड़ा हाथी आमगाछी के पहाड़ी के समीप विश्राम कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सुबह उत्पाती हाथी को देखकर सोनामुनी व जियालाल अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। इस बीच हाथी ने सूंड़ में लपेट कर पहले सोनामुनी को जमीन पर पटक दिया और पैर से रौंद डाला। उन्हें बचाने के लिए गए जियालाल को भी कुचलकर मार डाला। इससे घटनास्थल पर ही पति-पत्नी की मौत हो गयी। इधर पुलिस ने दंपति के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा दिया है। घटना की जानकारी मिलने पर बीडीओ मुकेश कुमार, सीओ पंकज कुमार व वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी हाथी भगाओ टीम के साथ पहुंचे। टीम हाथी पर नजर रखे हुए है।

दो घंटे विलंब से पहुंची रेंजर, भड़का आक्रोश
हाथियों के आतंक से निजात नहीं दिलाने से आक्रोशित मालडीहा गांव के ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को वन विभाग के रेंजर प्रतिमा कुमारी पर फूट पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना दिए जाने के दो घंटे बाद रेंजर पहुंची हैं। इस कारण ग्रामीणों ने उन्हें गांव में बने सामुदायिक पुस्तकालय में दो घंटे तक बंधक बना कर रखा। सूचना मिलते ही बीडीओ,सीओ व थाना प्रभारी सुमन कुमार सदल-बल घटनास्थल पर पहुंच गए। फिर ग्रामीणों को समझाने-बुझाने के बाद रेंजर को मुक्त करवाया गया।

अंतिम संस्कार के लिए मिला 10 हजार
वन क्षेत्र पदाधिकारी ने मृतक के आश्रित को 10 हजार रुपए का सहयोग किया। कहा कि हाथ के कुचलने से होने वाली मौत पर सरकार की ओर से चार लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। जल्द ही आवश्यक कार्यवाही पूरी कर मृतक के आश्रित को समुचित राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।

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