पटना में अब तक कोरोना से 2318 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन मात्र 693 आश्रितों काे अनुग्रह राशि मिली है। पहली लहर में जान गंवाने वालों का परिवार दूसरी लहर के बाद भी इंतजार कर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद थोड़ी तेजी आई है। इसमें मृतकों के आश्रितों को राहत दी जा रही है। DM ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को इस काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से पटना में अब तक 27.72 करोड़ का भुगतान किया गया है।
पटना सदर में 429 को अनुग्रह राशि
पटना जिले में कोविड-19 से मरने वालों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुग्रह अनुदान देने के काम में अब तक कुल 693 की मदद हुई है। आश्रितों को चार-चार लाख का अनुग्रह अनुदान चेक दिया गया है। पटना सदर अनुमंडल में अब तक 429 को यह अनुदान दिया गया है। रविवार को भी पटना सदर के 50 मृतक के आश्रितों को चेक सौंपा गया है।
कहां कितनी मिली मदद?
पटना सिटी अनुमंडल में 107, दानापुर अनुमंडल में 91, पालीगंज अनुमंडल में 22, बाढ़ अनुमंडल में 26, मसौढी अनुमंडल में 18 कोरोना से मृतकों के आश्रितों को चेक दिया गया है। DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अंचलाधिकारी को संवेदनशील होकर कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान की राशि का जल्द से जल्द भुगतान करने का निर्देश दिया है।
कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को मदद
बिहार में कोरोना से मरने वाले आश्रितों को 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना की पहली लहर में यह घोषणा की थी जिसके बाद कोरोना से मरने वालों को परिवार काे यह राशि दी जा रही है। हालांकि, हॉस्पिटल की मनमानी और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण इसमें थोड़ी अड़चन आती है।
सहायता राशि के लिए जो मापदंड बनाए गए हैं उसमें कई मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता है। दूसरी लहर में ऐसे मरने वालों की संख्या अधिक है जिन्हें कोरोना का पूरा लक्षण रहा है, लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं है। कई ऐसे भी रहे हैं जो पोस्ट कोविड से मौत हुई है। हालांकि दूसरी लहर में सरकार ने पोस्ट कोविड से मौत को भी इस दायरे में लाने का प्रयास किया है।