फोन टैपिंग मामला: शेखावत की शिकायत पर मुख्य सचेतक जोशी को दिल्ली पुलिस का नोटिस

जयपुर। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फोन टैपिंग मामले में सुनवाई के लिए राजस्थान विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी को नोटिस भेजा है।

यह नोटिस केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए मामले में भेजा गया है। पुलिस ने जोशी से 24 जून को दिल्ली के प्रशांत विहार थाने में अपराध शाखा में उपस्थित होने को कहा है। जोशी ने यह नोटिस मिलने की मंगलवार को पुष्टि की और कहा कि वह इसका जवाब देंगे।

जोशी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘मैं दी गई तारीख (24 जून) को तो दिल्ली में अपराध शाखा के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाऊंगा। नोटिस का जवाब आज दे दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि शेखावत द्वारा दिल्ली पुलिस में दी गई शिकायत में उनका नाम नहीं है।

शेखावत ने फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी तरीके से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोनिक बातचीत) को इंटरसेप्ट (रिकॉर्ड) करने के आरोप में शिकायत 25 मार्च को दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर एक मामला दर्ज किया गया। शर्मा ने इस प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इस पर अदालत ने अपराध शाखा से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा और मामले में अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी।

शर्मा ने फोन टैपिंग में संलिप्तता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने तो केवल सोशल मीडिया पर उपलब्ध क्लिप को साझा किया था ताकि कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र का खुलासा हो। जोशी ने इन आडियो क्लिप के आधार पर ही राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के पास सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करवाई थीं। कांग्रेस नेताओं आरोपों के अनुसार, ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर गजेंद्र सिंह एवं एक कांग्रेस नेता की बातचीत है। हालांकि प्राथमिकी में यह नहीं कहा गया है कि गजेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ही है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल सचिन पायलट एवं कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था। इस दौरान विधायकों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे, हालांकि अधिकारियों एवं सरकार ने इसका लगातार खंडन किया। इसी दौरान शर्मा द्वारा शेयर की गई आडियो क्लिप सामने आई थीं।

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