कोरोना काल में टाइगर सफारी बंद हुई तो 1 हजार परिवारों पर आया खाने का संकट

रणथम्भौर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी बंद होने से करीब एक हजार लोगो पर अपने परिवार को पालने का संकट आ गया है। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर ने इन लोगों को आर्थिक मंदी झेलने को मजबूर दिया है। इन सभी लोगों की पुरानी सेविंग खत्म हो चुकी है और अब यह है बेहाल है।

रणथम्भौर नेशनल पार्क में करीब 300 नेचर गाइड और इडीसी गाइड कार्यरत थे। जो यहां आने वाले सैलानियों को पार्क के वन्य जीवों के बारे में जानकारी देते थे। इसी के साथ यहां 600 जिप्सी कैंटर मौजूद है। इन जिप्सी कैंटर चलाने वाले ड्राइवर व इनके मालिक के हालात भी ठीक नहीं है। यहां टी शर्ट, टोपी वगैरह बेचकर करीब 100 लोग अपना परिवार पाल रहे थे। यह सभी लोग फिलहाल बेरोजगार है।

इसी के साथ रणथम्भौर में 100 से ज्यादा होटल है। जिनमें 5,4,3 स्टार समेत छोटे रिसोर्ट शामिल है। इनमे से करीब एक हजार लोगों का स्टाफ कार्यरत था। फिलहाल सभी होटल बन्द होने के कारण यह सभी लोग भी बेरोजगार है।

आर्थिक मंदी झेल रहे इन लोगों का आलम यह है कि जिप्सी मालिकों की ईएमआई समय पर नहीं भर पा रही है। ड्राइवर और गाइड मजदूरी करने को मजबूर हैं। इडीसी गाइड अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बताया कि हमारे गाइडों की हालत बड़ी दयनीय है। सरकार की ओर से इस समय में हमारी कोई मदद नहीं की गयी।

जबकि रणथम्भौर के इडीसी गाइड रमेश गुर्जर ने बताया कि पहले जब पार्क में पर्यटन चल रहा था। जब उसका जीवन यापन बड़ी सुगमता के साथ हो रहा था। उसे अच्छी टिप मिल जाती थी। इसी के साथ उसे एक राउंड के वन विभाग की ओर 600 रुपए मिलते थे, लेकिन जैसे ही पार्क बन्द हुआ उसकी किस्मत ही उससे रूठ गयी। कोरोना की पहली व दूसरी लहर में उसकी सारी सेविंग खत्म हो गयी है। जिससे अब वह ठेला लगाने को मजबूर है। इस समय वह जैसे तैसे परिवार का पालन कर रहा है।

जिप्सी लगी अवैध बजरी ढोने में

जिले में बनास नदी से अवैध बजरी परिवहन होता है। जब पार्क बंद हुआ तो कुछ लोगों ने बजरी परिवहन जिप्सी जो से शुरू कर दिया है गाइड एसोसिएशन होटल एसोसिएशन पार्क में पर्यटन शुरू करने की मांग कर चुकी है रणथम्भौर नेशनल पार्क के गाइड एसोसिएशन व होटल स्टेशन एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर पार्क में पर्यटन शुरू करने की मांग भी की जा चुकी है।

मध्य प्रदेश जो कि देश का टाइगर स्टेट कहलाता है। वहां फिलहाल टाइगर सफारी शुरू हो चुकी है। गाइडों का कहना है कि जब बाजार ऑफिस समेत पुरा स्मारक अनलॉक कर दिए गये है तो फिर टाइगर सफारी पर रोक क्यों है। जिससे करीब 1000 लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। अगर रणथम्भौर में सफारी शुरू हो तो इन लोगों के हालत सुधरे और जीवन पटरी पर लौट सके।

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