कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की कथित कमी का हवाला देते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि जुलाई का महीना आ गया है, लेकिन टीके नहीं आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हर्षवर्धन ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, जुलाई का महीना आ गया है, वैक्सीन नहीं आयीं। हर्षवर्धन ने उन पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, अभी कल ही मैंने जुलाई के लिए टीके की उपलब्धता को लेकर तथ्य सामने रखे थे। राहुल गांधी जी की समस्या क्या है? क्या वह समझते नहीं हैं? अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है। कांग्रेस को अपने नेतृत्व में आमूल-चूल बदलाव के बारे में विचार करने की जरूरत है।
मंत्रालय के टीकाकरण आंकड़ें
दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि सरकार ने इस साल दिसंबर तक देश के सभी वयस्क नागरिकों को टीका लगाने का जो लक्ष्य रखा है उसे पूरा करने के लिए उचित संख्या में टीकाकरण नहीं हो रहा है क्योंकि टीके की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। दूसरी तरफ, गुरुवार को सुबह सात बजे प्रकाशित स्वास्थ्य मंत्रालय के टीकाकरण आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत कल तक टीके की 33.57 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी थीं।
आर्थिक मदद देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर बुधवार को दावा किया कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने नरेंद्र मोदी सरकार को अपनी गलती सुधारने का मौका दिया है और अब उसे हर पीड़ित परिवार की 10 लाख रुपये की मदद करनी चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार को गलती सुधारने का मौक़ा दिया है। कम से कम अब सरकार को मुआवको की सही राशि तय करके पीड़ितों को राहत देनी चाहिए। ये सही दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है।
कोविड मुआवजा कोष
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड प्रभावित परिवारों के साथ खड़े नहीं होकर एक बार फिर से देश को निराश किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि अब कोविड मुआवजा कोष की स्थापना की जाए और कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये की मदद दी जाए। सुरजेवाला ने कहा, हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री और मोदी सरकार उदासीनता की नींद से जागें और कोविड मुआवजा कोष की स्थापना करें।