भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता खत्म, हॉट स्प्रिंग और गोगरा से सैनिक हटाने पर जोर

भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध (India-China Dispute) के बीच आज 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई. ये वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष के ओल्डी में शाम 7.30 बजे हुई. एएनआई ने आर्मी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है वार्ता करीब 9 घंटे तक चली जिसमें बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के मुद्दों पर चर्चा की.

भारत पिछले काफी समय से LAC पर अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति की बहाली के लिए जोर दे रहा है. इसी महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के एक सम्मेलन के इतर एक घंटे तक चली बैठक के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कहा था कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को ”स्वीकार्य नहीं” है और पूर्वी लद्दाख में शांति की पूर्ण बहाली के बाद ही संबंध पूरी तरह से विकसित हो सकते हैं.

जनरल एमएम नरवणे ने दिया था खास संदेश

इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मई में चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह वापसी हुए बिना तनाव में कमी नहीं आ सकती और भारतीय सेना क्षेत्र में हर तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. हाल ही में रिपोर्ट सामने आई थी कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर एलएसी को फिर से पार कर लिया है. हालांकि सेना ने इस खबर को खारिज कर दिया था.

पिछले साल 5 मई को गतिरोध शुरू होने के बाद दोनों देश 11 दौर की सैन्य वार्ता कर चुके हैं, जिनका उद्देश्य टकराव के बिंदुओं से सैनिकों की वापसी और तनाव कम करना है. दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प हुई थी और इसके बाद दोनों देशों ने कई स्थानों पर साजो-सामान के साथ हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी थी. इसके बाद पिछले चार दशकों में सबसे बड़े टकराव में 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. झड़प के 8 महीने बाद चीन ने भी स्वीकार किया कि इसमें उसके चार सैन्यकर्मी मारे गए थे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here