आम आदमी पार्टी(AAP) ने अगले वर्ष पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को पार्टी के मुखी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों से 3 घंटे तक बैठक की। जिसमें उनसे पंजाब की राजनीतिक हालात के साथ उनकी परफार्मेंस का ब्यौरा लिया गया। बैठक में सभी विधायकों ने केजरीवाल से जल्द से जल्द मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की मांग की। केजरीवाल कह चुके हैं कि पंजाब में सिख चेहरे को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे। जिसके बाद पंजाब की सियासी फिजा में उत्सकुता बढ़ गई है कि वह चेहरा कौन सा होगा?। पिछले चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को इससे बड़ी मार पड़ी थी क्योंकि विरोधियों ने इसे मुद्दा बनाया था कि केजरीवाल खुद पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इस बार विधायक कोई असमंजस नहीं रखना चाहते।
कृषि कानून, बेअदबी व बिजली समझौते भुनाएगी आप
केजरीवाल से बैठक के बाद अब पंजाब में आम आदमी पार्टी कृषि सुधार कानून, बेअदबी व बिजली समझौते के मुद्दों को भुनाएगी। केजरीवाल ने बैठक में साफ कहा है कि आंदोलन कर रहे किसानों की हरसंभव मदद करें। इसके अलावा बेअदबी के दोषियों को अब तक सजा न मिलना भी बड़ा मुद्दा रहेगा। इसी मामले की वजह से अकालियों को पिछली बार न केवल सत्ता से बाहर होना पड़ा बल्कि उन्हें विपक्षी दल के लायक भी वोटें नहीं मिलीं। इसके अलावा बिजली समझौते भी उछलेंगे क्योंकि इनकी वजह से पंजाब सरकार को करोड़ों रुपए फिक्स चार्जेस के तौर पर प्राइवेट कंपनियों को देने पड़े। वहीं, लोगों को भी महंगी बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ा।
भगवंत मान बोले, सबकी शिकायतें खत्म हो गई
आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से बैठक के बाद सभी शिकायतें खत्म हो गई हैं। शिकायतें लंबी हाेती हैं तो यह मसले बन जाते हैं। बिजली समझौते को लेकर मान ने कैप्टन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक चिट्ठी लिखने से कांट्रेक्ट खत्म होते तो कैप्टन सरकार साढ़े 4 साल चुप क्यों रही?। यह समझौते कंपनियों ने लिखे हैं, उन्हें इतनी आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता। मान ने कहा कि पार्टी सभी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी।