अब छठी कक्षा से मिलेगी व्यावसायिक शिक्षा, छात्रों को इंटर्नशिप भी

स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में महत्वपूर्ण विषयों और अलग-अलग स्ट्रीम की पाठ्यचर्या के एकीकरण की परिकल्पना की गई है। नई शिक्षा नीति के अनुसार स्कूल में व्यवसायिक शिक्षा छठी कक्षा से ही प्रारंभ होगी और इसमें छात्रों को दी जाने वाली इंटर्नशिप भी शामिल है। यह जानकारी केंद्रीय कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने साझा की

केंद्रीय कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक इसके लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने हब और स्पोक मॉडल संबंधी एक प्रयोग एक परियोजना शुरू की है। हब और स्पोक मॉडल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों जैसे आईटीआई, प्रधान मंत्री कौशल केंद्र आदि को व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्कूलों को इस हब से व्यक्तिगत स्पोक के रूप में कौशल विकास प्रशिक्षण सुलभ होगा। इस तालमेल के साथ स्कूली छात्रों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उपलब्ध संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा। आईआईटी में उपलब्ध नवीनतम तकनीकों के बारे में छात्रों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। इस सुविधा के लागू होने से छात्र अपनी पसंद के पाठ्यक्रम में कभी भी प्रवेश ले सकते हैं। साथ ही यदि उन्हें किसी कारणवश पाठ्यक्रम छोड़ना पड़े तो उनके लिए आसान एग्जिट का विकल्प भी उपलब्ध होगा।

कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 6 से 19 वर्ष की आयु का प्रत्येक युवा व व्यस्क या तो 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा पूरी करें अथवा आईटीआई कार्यक्रम के 2 वर्ष के साथ 10 वर्ष की स्कूली शिक्षा का प्रमाणन पूरा करें।

वर्तमान में इस कार्यक्रम की परिकल्पना चार राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल में की गई है। इन राज्य सरकारों ने 2 जिलों और अपने संबंधित राज्यों के प्रत्येक जिले में एक हब आईटीआई को अभिज्ञात किया है। गौरतलब है कि स्पोक स्कूलों की मैपिंग संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की जा रही है।

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