भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, संभाग में भारी वर्षा के आसार

 उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर कम दबाव के क्षेत्र बने हुए हैं। मानसून ट्रफ भी इन्हीं सिस्टम से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इस वजह से उत्तरप्रदेश से लगे मध्यप्रदेश के जिलों में पिछले तीन-चार दिन से अच्छी बरसात हो रही है। मौसम विज्ञानियों के सोमवार को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभाग में भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा सागर, भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में 25, खजुराहो में 23.2, नौगांव में 19, रीवा में 18, गुना, उज्जैन में 10, पचमढ़ी में नौ, सागर में छह, ग्वालियर में 5.4, मंडला में चार, रतलाम, शाजापुर में तीन, उमरिया, दमोह में दो, भोपाल, जबलपुर में 1.2, होशंगाबाद में एक, इंदौर में 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार को राजधानी को दिन भर रुक- रुक कर फुहारें पड़ती रही। बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान 25.2 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से चार डिग्रीसे.कम रहा। न्यूनतम तापमान 23 डिग्रीसे. रिकार्ड हुआ। यह सामान्य रहा।

तीन वेदर सिस्‍टम हैं सक्रिय

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गहरा कम दबाव का क्षेत्र दक्षिणी उत्तरप्रदेश पर सक्रिय है। दक्षिणी हरियाणा में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अतिरिक्त मानसून ट्रफ अनूपगढ़, हरियाणा के ऊपर कम दबाव के केंद्र से लेकर अलीगढ़ और उत्तरप्रदेश पर बने वेदर सिस्टम से गया, डुमका, बांकुरा से होते हुए उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक गया हुआ है। इन तीन वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से उत्तरप्रदेश से लगे मध्यप्रदेश के जिलों में भारी बरसात हो रही है। सोमवार को रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में वर्षा की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी, लेकिन ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभाग में और भोपाल, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने के आसार हैं।

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