सर्च फॉर एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (एसईटीई) के वरिष्ठ अधिकारी सेथ शस्तक का कहना है कि हम 20 साल के भीतर दूसरी दुनिया के इन जीवों के बारे में पता लगा लेंगे. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर एलियंस हैं, तो वह आपस में बातें कैसे करते हैं. इसे लेकर एक नया अध्ययन किया गया है.
इम्पीरल कॉलेज लंदन में क्वांटम फिजिसिस्ट टैली रुडोल्फ ने बताया कि ऐसा हो सकता है कि एलियंस एक दूसरे से बात करने के लिए खुफिया तरीके से सितारों का इस्तेमाल करते हों. वे सीक्रेट संदेशों को भेजने के लिए क्वांटम एंटैंगलमेंट प्रक्रिया के जरिए फोटॉन की पावर का इस्तेमाल करते हों. इस तरीके के बारे में सुनने में आपको अजीब लग सकता है लेकिन यह मात्र विचार है. हालांकि फिजिक्स में ऐसा संभव भी है.
अध्ययन में रुडोल्फ ने कहा कि फोटॉन और क्वांटम एंटैंगलमेंट के माध्यम से संवाद हो सकता है. क्वांटम इनटैंगलमेंट तब होता है जब दो या दो से अधिक पार्टिकल्स इस तरह से परस्पर क्रिया करते हैं. जिसमें ग्रुप के प्रत्येक पार्टिकल की क्वांटम अवस्था को दूसरे की स्थिति से स्वतंत्र रूप से वर्णित ना किया जा सके. इसके साथ ही पार्टिकल लंबी दूरी से अलग होते हैं.
इसका सीधा मतलब ये है कि उलझे हुए पार्टिकल में से एक का अवलोकन करने से भी अन्य पार्टिकल्स के बारे में जानकारी ली जा सकती है. अब अगला सवाल ये है कि एलियंस की बातचीत से यह सब कैसे मेल खाता है. रुडोल्फ ने कहा कि ऐसा संभव है, फोटॉन से बातचीत का ये तरीका छिपाने के लिए एलियंस सितारों से निकलने वाली थर्मल लाइट का इस्तेमाल करते हैं. जिससे पता चलता है कि वह हमसे तकनीक में काफी आगे हैं.
ऐसी बातचीत के लिए जरूरी है कि एलियंस को फोटॉन की संख्या का पता हो, जिनका वह एक मोड में इस्तेमाल करने वाले हैं. फोटॉन की बात करें तो यह प्रति सेकेंड 186,282 मील की रफ्तार से ट्रैवल कर सकते हैं. हालांकि एलियंस के बात करने के तरीके का पता लगाने के लिए आगे भी अध्ययन जारी रहेगा, ताकि वास्तविकता का पता लगाया जा सके.