महंगाई को लेकर यूपी विधानसभा से सपा, कांग्रेस ने किया वाकआउट

लखनऊ। बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बुधवार को विधानसभा से वाकआउट कर दिया।

इस मुद्दे पर पूरी बहस की मांग करते हुए विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सभी आवश्यक खाद्य और अखाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है।

चौधरी ने जीवन रक्षक दवाओं सहित कीमतों की एक तुलनात्मक सूची पढ़ी और अपनी बात साबित करने के लिए उनकी कीमतों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि महामारी ने स्थिति को और खराब कर दिया है और अमीर और अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब और गरीब हो रहे हैं और मध्यम वर्ग को नौकरी छूटने और वेतन में कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि सबसे बड़ी त्रासदी महामारी की दूसरी लहर के दौरान श्मशान में चौंकाने वाली बढ़ोत्तरी हुई।

उन्होंने कहा, सरकार को बिचौलियों की भूमिका को नियंत्रित करने और महामारी में कीमत निर्धारण की जांच करने के लिए कदम उठाने चाहिए थे।

राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विपक्ष के दावों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने महामारी के दौरान गरीबों को असंख्य रियायतें दी हैं। उन्होंने कीमतों में वृद्धि से इनकार किया और कहा कि विपक्ष एक गैर-मुद्दे को लेकर मुद्दा बना रहा है।

अध्यक्ष ने बहस की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विपक्ष द्वारा उठाए गए कई बिंदु राज्य विधानसभा के दायरे से बाहर हैं।

इस बीच, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को 7301.5 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश करते हुए कहा कि बजटीय प्रावधानों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और चौकीदारों के पारिश्रमिक में वृद्धि शामिल है। अयोध्या में पाकिर्ंग सुविधाओं, डिजिटल सशक्तिकरण और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए भी राशि निर्धारित की गई है।

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