रामपुर: लंबे वक्त से कानूनी दिक्कतों से दो-चार हो रहे समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. कोर्ट ने पासपोर्ट मामले में अबदुल्ला आजम को जमानत दे दी है. ये मामला आज़म परिवार के लिए जी का जंजाल बना हुआ था. बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्लाह आजम खान पर दो पासपोर्ट मामले में तहरीर दी थी.
क्या है पूरा मामला?
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कई केस चल रहे हैं. जमीन हड़पने से लेकर फर्जी कागजात तैयार करने समेत कई ऐसे मामले हैं, जिनकी वजह से आजम खान और उनके बेटे जेल में बंद हैं. अब्दुल्ला आजम पर रामपुर में गैरकानूनी तरीके से जमीन कब्जाने और फर्जी प्रमाणपत्र बनाने जैसे दर्जनों आरोप लगे हुए हैं. इन सबकी वजह से विधानसभा से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था. अब्दुल्ला पर गलत जानकारी देने और फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप लगा था. अब्दुल्ला की उम्र चुनाव के समय 25 साल नहीं थी. इसके बावजूद फर्जी कागजात बनवाकर उन्होंने चुनाव लड़ा.
कोर्ट ने दिया जमानत पर रिहा करने का आदेश
अब्दुल्ला आजम के वकील जुबैर अहमद खान ने बताया कि मंगलवार को पासपोर्ट मामले में जमानत की अर्जी पर बहस हुई. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया है. आपको बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने पैन कार्ड मामले में अब्दुल्ला आजम को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना के बयान दर्ज करने की बात कही थी. वहीं, दो जन्म प्रमाण मामले में पुलिस ने सप्लीमेंट चार्जशीट लगाकर धारा 120 B बढ़ाई थी, उसमें भी जमानत करानी पड़ेगी. ऐसे में अब अब्दुल्लाह आजम जिला अदालत की स्पेशल कोर्ट में शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद जेल से बाहर आ सकते हैं.