कैथल जिले में स्थित अमर हृदय तीर्थ को बचाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग को मोड़ देने की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अनोखी सजा सुनाई है। अब याचिकाकर्ताओं को राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर एक किलोमीटर तक पौधे लगाने होंगे।
याचिका दाखिल करते हुए पवन कुमार व अन्य ने बताया कि अमर हृदय तीर्थ राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते में आ रहा था और इसे बचाने के लिए पूर्व में भी याचिका दाखिल की गई थी। तब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कहा था कि वह पुल की लंबाई 50 मीटर बढ़ा देंगे। याची ने बताया कि अंडरटेकिंग देने के बाद भी एनएचएआई ने अपनी योजना नहीं बदली और राजमार्ग को तालाब के बीच से निकालने की योजना है। याची ने इसका एक नक्शा भी सौंपा।
एनएचएआई ने याची की दलीलों को सिरे से नकारते हुए कहा कि याचिकाकर्ता स्थानीय ग्रामीण हैं और पूर्व में दाखिल याचिका किसी अन्य की थी। ऐसे में यह याचिका दाखिल करने का उन्हें अधिकार नहीं है। साथ ही यह भी बताया कि याची द्वारा दी गई जानकारी गलत है।
हाईकोर्ट ने इस पर एनएचएआई को स्थिति स्पष्ट करने को कहा। एनएचएआई ने हाईकोर्ट में सही नक्शा पेश कर स्थिति स्पष्ट कर दी। इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को सजा के तौर राजमार्ग के दोनों ओर एक किलोमीटर तक पौधे लगाने का आदेश दिया है।