ग्वालियर में गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर आ रहा मध्य प्रदेश के राजकीय विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सहायक पायलट शिव जायसवाल का लायसेंस एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। वरिष्ठ पायलट कैप्टन माजिद अख्तर का लायसेंस भी निलंबित हो चुका है। प्रारंभकि जांच में दोनों पायलट को दुर्घटना के लिए दोषी माना गया है क्योंकि वे विमान को काफी नीचे उड़ा रहे थे। एयर एक्सीडेंट ब्यूरो ऑफ इंडिया दुर्घटना इस मामले की जांच कर रहा है।
मई में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए सरकार ने राजकीय विमान और हेलिकॉप्टर से विभिन्न् जिलों में इंजेक्शन पहुंचाए थे। राजकीय विमान गुजरात से इंजेक्शन लेकर ग्वालियर विमानतल पर उतर रहा था, तब रनवे से तीन सौ फीट पहले लगे अरेस्टर बेरियर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया।
तब से ही विमान ग्वालियर में खड़ा है और इसके फिर से उड़ान भरने की संभावना भी कम है। हादसे की जांच में पायलटों की चूक सामने आई है, जिसके आधार पर नागर विमानन महानिदेशालय ने दोनों पायलट के लायसेंस निलंबित कर दिए हैं। जबकि, वरिष्ठ पायलट कैप्टन माजिद बी-200 श्रेणी के विमान के एक्जामिनर भी हैं। ऐसे में उनकी भूमिका ज्यादा गंभीर हो जाती है। विमान को दुर्घटना में काफी क्षति पहुंची है।
नहीं था विमान का बीमा
नया विमान होने के कारण शासन उसका बीमा भी नहीं कराया पाया था। हालांकि, इसकी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई थी पर यह पूरी हो पाती इसके पहले ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
नया विमान खरीदेगी सरकार
मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल तो मुख्यमंत्री सहित अन्य अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए किराए पर विमान लेकर काम चलाया जा रहा है। विमान की जरूरत को देखते हुए नया विमान खरीदने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। मौजूदा विमान के ठीक होने की संभावना नहीं है और सुरक्षा कारणों से दुर्घटनाग्रस्त विमान के दुरुस्त होने के बाद भी उसमें अतिविशिष्ट व्यक्तियों को सफर करने की अनुमति भी नहीं दी जाती है।