टोक्यो। भारत के प्रवीण कुमार ने तोक्यो पैरालंपिक में पुरूषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में रजत पदक जीता जिससे इन खेलों में देश के पदकों की संख्या 11 तक पहुंच गयी है। अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। कांस्य पदक रियो खेलों के चैम्पियन पोलैंड के मासिज लेपियाटो के हासिल किया जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगायी।
टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। कुमार टी44 क्लास के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं। टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर का विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट पर असर होता है। भारत का तोक्यो पैरालंपिक में प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होने वाला है जिसमें देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीत लिये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर प्रवीण कुमार को बधाई दी और कहा कि यह पदक उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। कुमार ने तोक्यो पैरालंपिक में एशियाई रिकार्ड के साथ पुरूषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में रजत पदक जीता है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पैरालंपिक में रजत पदक जीतने पर प्रवीण कुमार पर गर्व है। यह पदक उनके कठिन परिश्रम और अद्वितीय समर्पण का परिणाम है। उन्हें बधाइयां। भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।’’ पैरालंपिक में भारत ने अभी तक दो स्वर्ण और छह रजत सहित कुल 11 पदक जीते हैं।