केंद्र की मोदी सरकार दुश्मन देशों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी वायुसेना को और मजबूत कर रही है. इस दिशा में सरकार की ओर से लगातार कदम बढ़ाए जा रहे हैं. इस बीच सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) ने बुधवार को भारतीय वायु सेना को और शक्तिशाली बनाने के लिए एयरक्राफ्ट खरीदने की मंजूरी दे दी है. भारतीय वायु सेना को जल्द ही स्पेन से 56 ‘C-295MW एयरक्राफ्ट’ मिलेंगे. केंद्र सरकार ने इंडियन एयरफोर्स के लिए 56 विमान खरीदने की अनुमति दे दी है. साथ ही 40 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट देश में ही बनाए जाएंगे.
भारतीय वायुसेना को 16 विमान उड़ान भरने के लिए तैयार हालत में मिलेंगे, जबकि देश में टाटा कंसोर्टियम के नेतृत्व में 40 विमानों को बनाया जाएगा. स्पेन से 16 विमानों की खेप सौदे पर दस्तखत के 48 महीने यानी 4 साल में मिलेगी. वहीं, बचे 40 विमानों को टाटा समूह के नेतृत्व में कंपनियों के समूह की ओर से 10 साल में भारत में ही तैयार किया जाएगा.
आपको बता दें कि इंडियन एयरफोर्स अगले दो दशकों में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है. वायुसेना के चीफ आरकेएस भदौरिया ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अब हल्के लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी चल रही है. साथ ही स्वदेशी कंपनियों से ही विमान खरीदे जाएंगे. चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चीन से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की संपूर्ण ताकत को और मजबूती देने पर बल दिया जा रहा है.
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि उत्तर के पड़ोसी देश को देखते हुए हमारे पास आला दर्जे की प्रौद्योगिकियां होनी चाहिए, जिन्हें सुरक्षा कारणों से हमारे अपने उद्योग की ओर से देश में ही बनाया जाना चाहिए. एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में देश से ही लगभग 350 विमान खरीदने की तैयारी कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक मोटा-मोटा अनुमान है.