प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय और उससे संबंधित कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं निचली कक्षाओं से आते हैं और उनकी पढ़ाई की शुरुआत आंगनबाड़ी केंद्र से होती है, जहां गरीब घर के बच्चे पढ़ते हैं।
श्रीमती पटेल ने प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का रविवार को लोकार्पण के अवसर पर कहा कि झोपड़पट्टी में रहने वाले इन बच्चों के उत्थान के लिए सरकार संकल्पबद्ध हैं। इनकी कक्षा की शुरुआत आंगनबाड़ी केंद्र से होती है, जहां गरीब घर के बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा स्वच्छता के लिए सक्षम लोगों को एकजुट प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्हों ने कहा कि विश्वविद्यालय से संबंधित कालेज के प्रबंध तंत्र को भी चाहिए कि वह एक या उससे अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लें और उसकी देखभाल करें। उन्होंने ग्राम प्रधानों को भी आंगनबाड़ी केंद्र से मिलकर गांव के कुपोषित बच्चों की देखरेख करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर अखिलेश सिंह से कहा कि विद्यालय से संबंधित सभी कालेज के प्रबंधकों को बुलाकर उनसे आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें।
राज्य विश्वविद्यालय के भवन में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यक्रम में भी राज्यपाल ने हिस्सा लिया। उन्होंने 35 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट वितरण किया। उन्होने ग्रामीण क्षेत्र के 12 बच्चों को फल की टोकरी भी दी। साथ ही पांच महिलाओं की गोदभराई की रस्म भी किया। इसके बाद राज्यपाल ने राज्य विश्वविद्यालय परिसर में पौधा रोपण भी किया।
इस मौके पर राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 अखिलेश सिंह ने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा से हम ग्रामीण क्षेत्र का विकास करने में अग्रसर हुए हैं। आंगनबाड़ी के माध्यम से ग्रामीणों का विकास कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी दिनों में इस क्षेत्र में कई कार्य करेंगे।
राज्यपाल फाफामऊ स्थित राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय भी गयी। वहां उन्होंने त्रिवेणी सामुदायिक केंद्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होने मुक्त विश्वविद्यालय में डिग्रियों के लंबित मामलों का जल्द निस्तारण की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डिग्रियों के लंबित मामलों का निस्तारण जल्द करें। यदि जरूरत हो तो मेला लगाकर पुरानी डिग्रियां संबंधित विद्याथियों को उपलब्ध कराएं। उन्होने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया और परीक्षा परिणामों की घोषणा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाए।