आरोपी बसपा नेताओं के खिलाफ स्वाति सिंह ने दर्ज कराए बयान

भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह और उनके परिवार की महिलाओं के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक भाषा प्रयोग के मामले में बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह राव, नौशाद अली और मेवालाल गौतम के विरुद्ध मंत्री स्वाति सिंह ने बयान दर्ज कराए। एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन राय ने स्वाति सिंह से बचाव पक्ष की जिरह के लिए एक अक्तूबर की तारीख तय की है।

मामले में शनिवार को अभियोजन की ओर से पैरवी के लिए अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव, प्रवीण सिंह, दिलीप श्रीवास्तव ने वकालत नामा दाखिल किया। एक प्रार्थना पत्र पेश किया कि इस मामले की वादिनी तेतरा देवी अस्वस्थ होने से न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकती हैं। कोर्ट ने वकालतनामा को पत्रावली पर लेते हुए तेतरा देवी की उपस्थिति स्थगित कर दी। दोपहर करीब दो बजे के बाद स्वाति सिंह बयान दर्ज कराने कोर्ट में हाजिर हुईं। कोर्ट ने मंत्री स्वाति से जिरह के लिए बचाव पक्ष को समय दे दिया।

ये है मामला

पत्रावली के अनुसार इस घटना की रिपोर्ट मंत्री स्वाति सिंह की सास तेतरा देवी ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज में दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि 20 जुलाई 2016 को दोपहर राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी बेटी, बहु और नातिन के साथ साथ देश की महिलाओं को सदन में अपशब्द कहे। 21 जुलाई 2016 को बसपा अध्यक्ष मायावती के बुलाने पर बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नेता राम अचल राजभर, मेवालाल आदि ने घटनास्थल अंबेडकर प्रतिमा पर बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके पुत्र दयाशंकर सिंह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर सिंह को फांसी देने, जान से मारने की बात कही गई थी। बसपा अध्यक्ष मायावती के कहने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर को फांसी देने की मांग के साथ आपत्तिजनक जातिसूचक शब्द प्रयोग किए। पुलिस ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, मेवा लाल गौतम, नौशाद अली, अतर सिंह राव के खिलाफ कोर्ट में पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था।

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