धर्मांतरण की शिक्षा देने वाले आईएएस की एसआईटी ने शुरू की जांच

कानपुर। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस और कानपुर के मंडलायुक्त रहे चुके इफ्तिखारुद्दीन के तीन वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें वह अपने आवास पर धर्म गुरुओं के साथ इस्लाम का पाठ पढ़ा रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने एसआईटी का गठन कर दिया। बुधवार देर शाम एसआईटी हेड व सीबीसीआईडी डीजी जीएल मीणा कानपुर पहुंचे और जांच शुरु कर दी। ऐसे में माना जा रहा है कि पूर्व मंडलायुक्त की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है और एसआईटी का गठन कर दिया। एसआईटी में हेड सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा हैं और उनका सहयोग कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर करेंगे। एसआईटी को सात दिनों में शासन को रिपोर्ट सौंपनी है और कयास लगाया जा रहा था कि बुधवार को एसआईटी हेड कानपुर आएंगे। दिनभर चली खबरों के बाद आखिरकार देर शाम जीएल मीणा सर्किट हाउस पहुंच गये।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए जी एल मीणा ने कहा की मीडिया के द्वारा कुछ वीडियो उन्हें प्राप्त हुए हैं शेष आरोपों की जांच उन्होंने शुरू कर दी है। कमिश्नरेट पुलिस से कुछ जानकारियां मांगी गई है सरकार द्वारा तय समय के अंदर वह अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। जब उनसे पूछा गया कि उन लोगों से पूछताछ होगी जो आरोप लगा रहे हैं कि फरियाद के दौरान मंडलायुक्त के कार्यालय में कुछ लोग धर्मांतरण का दबाव बनाते थे। इस पर उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुसार गहनता से मामले की जांच की जाएगी। किन बिन्दुओं पर जांच होगी यह जानकारी मीडिया से शेयर नहीं की जा सकती।

वहीं सूत्रों के अनुसार शासन ने इस पूरे प्रकरण में एसआईटी जांच से इतर एक और जांच रिपोर्ट पुलिस आयुक्त असीम अरुण से मांगी है। उन्हें पूर्व कमिश्नर की कानपुर में तैनाती के दौरान क्रिया कलाप व विवादों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है।

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