मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग, ओबीसी आरक्षण की अंतिम सुनवाई सात अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। समयाभाव के कारण सुनवाई आगे बढ़ा दी गई। इससे पूर्व राज्य शासन की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता व महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने पक्ष रखा। ओबीसी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह व अभिषेक मनु सिंघवी खड़े हुए।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती परीक्षा, पीजी नीट परीक्षाओं व मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से अधिक किए जाने पर लगाई रोक बरकरार रखी है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने राज्य सरकार के दो सितम्बर को जारी उस नोटिफिकेशन पर रोक लगाने या रोक लगाने से इन्कार करने के सम्बंध में अपना कोई मत व्यक्त नही किया। कोर्ट ने सभी विचाराधीन पहलुओं पर सात अक्टूबर को सुनवाई करने के निर्देश दिए। जबलपुर की छात्रा अशिता दुबे व अन्य की ओर से याचिकाएं पेश कर अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किया जा रहा है।