मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहे पर स्थित शहीद स्मारक में उत्तराखंड राज्य के आंदोलनकारी शहीदों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप ही हमें नया राज्य मिला है। हम शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने में लगे हैं। रोजगार, पर्यटन, चिकित्सा, शिक्षा के लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं।
शहीद स्मारक रामपुर तिराहा पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे राज्य आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने अलग-अलग ज्ञापन दिए। सरकार पर कुछ ने आरोप लगाए तो कुछ ने सरकार के काम को सराहा भी। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति के पदाधिकारियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि यहां पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मंच पर किसी भी सरकार के मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों को सम्मान या स्थान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मंच पर आंदोलनकारियों को भी स्थान मिलना चाहिए, ताकि इस श्रद्धांजलि सभा को सही मायनों को सार्थक किया जा सके। इसके साथ ही आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठनों ने मंच के सामने एकत्र होकर उस समय नारेबाजी शुरू कर दी, जब सीएम धामी अपना भाषण दे रहे थे। इन संगठनों के लोगों ने मामले में सीबीआई जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की मांग की। आरोप था कि लंबा समय बीतने के बाद भी रामपुर तिराहे के दोषियों को सजा नहीं दी जा सकी।
शहीद स्मारक पर पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वप्रथम 1994 में राज्य आंदोलन में शहीद हुए लोगों के बलिदान का याद किया। अन्य अतिथियों के साथ स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तराखंड के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों का बलिदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनकी शहादत के चलते देवभूमि अलग राज्य के रूप में स्थापित हुई। उनके सपनों को साकार कर उत्तराखंड को नित नई बुलंदियों पर पहुंचाना ही उद्देश्य है। राज्य सरकार आंदोलनकारियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मैं उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के अभियान का हिस्सा रहा हूं और यह जनक्रांति खटीमा से शुरू हुई थी, जहां अनेक उत्तराखंड निवासी शहीद हुए थे। मैंने भी जन आंदोलन में हिस्सा लिया था और आज इस उत्तराखंड प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। उन्होंने कहा कि रामपुर तिराहा कांड के बाद मुजफ्फरनगर के लोगों ने पीड़ित आंदोलनकारियों का साथ देकर इंसानियत का फर्ज निभाया। मुझे सीएम का पद ग्रहण करे अभी ढाई महीने ही हुए हैं, हमने इस अल्प समय में कई बड़े निर्णय किए हैं। उत्तराखंड से पीएम मोदी का आध्यात्मिक लगाव है, उनके प्रोजेक्ट को हम प्राथमिकता पर आगे बढ़ा रहे हैं। कोरोना महामारी ने राज्य में आर्थिक संकट जैसे हालात पैदा किए हैं। चारधाम की यात्रा यहां ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के लोगों के रोजगार का बड़ा साधन है, इसके बंद होने से हालात खराब हुए। छोटे और बड़े सभी उद्योग प्रभावित हुए हैं, परेशान हैं। सरकार के सामने चुनौती है, लेकिन संकट मेें सरकार इन लोगों के लिए साझीदार बनकर सामने आई और 200 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया गया है।
छह महीने तक दो-दो हजार रुपये की सहायता सरकार दे रही है, 32 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संकट से उबारने के लिए पांच लाख रुपये के ब्याजमुक्त ऋण की व्यवस्था की। प्रधानों का मानदेय बढ़ाकर 1500 से 3500 रुपये किया। युवाओं को रोजगार देने के लिए 24 हजार भर्ती निकाली। भर्तियों में युवाओं को आयु में एक वर्ष की छूट दी गई है। युवाओं से फार्म शुल्क हटाया गया है। आईएएस, आईपीएस सहित अन्य प्रतिस्पर्धा में हमने प्री एग्जाम फाइनल करने वाले युवाओं को अगली तैयारी के लिए 50 हजार की सहायता देने की व्यवस्था की है। कोरोना में अनाथ बच्चों के लिए सरकार अभिभावक बनी और हमारी योजना को दूसरे राज्यों ने अपनाया। हमने सर्वाधिक 3100 रुपये इन बच्चों को प्रत्येक माह राशि देने का काम किया है।
इस अवसर अतिथियों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित कर याद किया। उत्तराखंड भाजपा प्रदेशाध्यक्ष उत्तराखंड मदन कौशिक, मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, मंत्री राजेंद्र अंणथवाल, केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान, यूपी के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, विधायक उमेश मलिक, विधायक प्रमोद उटवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वीरपाल निर्वाल, नगरपालिका परिषद की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, अभिषेक अग्रवाल, सत्यप्रकाश रेशू आदि मौजूद रहे।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यूपी और उत्तराखंड में दो भाइयों वाला रिश्ता और प्रेम है। हमारी पहचान शहीदों के कारण ही है। इन आंदोलनकारियों के बलिदान से ही हम मंत्री और मुख्यमंत्री बन पाये हैं। शहादत न होती तो यह राज्य वजूद मेें नहीं आ पाता। रामपुर तिराहा कांड पर उन्होंने कहा कि अहिंसा के दिन यहां नृशंस हत्या की गई। गन्ने के खेतों से लाशें बरामद हुईं। हमारी बहन बेटियों पर उस रात क्या गुजरी यह हम जानते हैं। मुजफ्फरनगर ने बड़ा साथ दिया। उस समय मैं युवा मोर्चा में था, जब अटलजी ने उत्तराखंड राज्य देने का वादा किया था और सरकार आने पर इसको निभाया भी।
एक घंटा पहले पहुंचे सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निर्धारित कार्यक्रम से एक घंटा पहले ही यहां पहुंच गए। पुलिस लाइन में उनका हैलीकॉप्टर उतरा।। यहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, वैभव त्यागी, मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा, सभासद मनोज वर्मा, राजीव शर्मा रोहिल वाल्मीकि सहित भाजपा के अनेक पदाधिकारियों ने पुष्प भेंट कर उनका स्वागत किया। यहां से कार द्वारा वह रामपुर तिराहा शहीद स्मारक पर पहुंचे। उनका कार्यक्रम पहले 11 बजे का निर्धारित था, लेकिन वह 10 बजे ही स्मारक पर पहुंच गये थे। रात में ही उनके कार्यक्रम में संशोधन कर दिया गया।